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Garud Puran: इन कर्मों से व्यक्ति का यमलोक में होता है भव्य स्वागत, गरुड़ पुराण किया गया है वर्णन

गरुड़ पुराण हिंदू धर्म के महत्वपूर्ण पुराणों में से एक है जिसमें व्यक्ति के अच्छे और बुरे कर्मों का विस्तार पूर्वक वर्णन मिलता है। साथ ही यह भी बताया गया है कि व्यक्ति के किन कर्मों के लिए उसे क्या फल भोगना पड़ता है। ऐसे में आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि व्यक्ति को किन कर्मों से यमलोक में देवताओं जैसा आदर-सत्कार मिलता है।

By Suman Saini Edited By: Suman Saini Updated: Wed, 16 Oct 2024 04:31 PM (IST)
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Garud Puran किन कर्मों से यमलोक में देवताओं जैसा होता है स्वागत।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। व्यक्ति अपने जीवन में कई तरह के कर्म करता है। जिसमें कुछ अच्छे कर्म भी होते हैं, तो कुछ बुरे भी। गरुड़ पुराण मुख्य रूप से मृत्यु और उसके बाद की स्थिति पर आधारित ग्रंथ है, जिसमें नरक, स्वर्ग, रहस्य, नीति, धर्म और ज्ञान आदि का भी उल्लेख किया गया है। साथ ही इसमें यह भी बताया है कि व्यक्ति को मृत्यु के बाद किस कर्म का कैसा परिणाम मिलता है।

ये लोग होते हैं सत्कार के अधिकारी -

  • जो लोग ब्रह्मचर्य व्रत का पालन करते हैं, तपस्वी या फिर सन्यासी होते हैं।
  • जो लोग ज्ञान और वैराग्य का मार्ग अपनाते हैं।
  • इसी के साथ जो व्यक्ति पत्थर और सोने में भी कोई फर्क नहीं करते। अर्थात उनके लिए कीमती-से-कीमती चीज और साधारण चीज एक समान ही होती है।
  •  जो लोग भगवान शिव और प्रभु श्रीहरि के निमित्त व्रत करते हैं और अपने सभी कर्मों को ब्रह्म को समर्पित कर देते हैं।
  • जिन लोगों पर देवों, पितरों और ऋषियों का कोई ऋण नहीं होता और जो लोग पितरों का श्राद्ध करते हैं।
  • जो लोग बुरी संगति से दूर रहते हैं।  

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इस तरह होता है स्वागत

गरुण पुराण में वर्णन मिलता है कि इन सभी नियमों का पालन करने वाले लोगों को यमलोक में पश्चिम द्वार से प्रवेश मिलता है। यह द्वार मुख्य रूप से सिद्ध योगियों, तपस्वीयों, ऋषियों-मुनियों एवं साधु-संतों के लिए है। इस द्वार पर गंधर्व, अप्सराएं एवं देवता इन पुण्य आत्माओं का स्वागत करने के लिए द्वार पर खड़े रहते हैं। अंदर चित्रगुप्त जी इनका आदर-सत्कार करते हैं। अपने कर्मों के आधार पर ही यमलोक में इन लोगों का देवताओं के समान स्वागत किया जाता है।

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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।