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Garuda Purana: गरुड़ पुराण कब और क्यों पढ़ना चाहिए? जानें इसके नियम

गरुड़ पुराण में मृत्यु के बाद की स्थिति का वर्णन किया गया है। इसके अलावा गरुण पुराण में इंसान के अलग-अलग कर्मों के लिए अलग-अलग दंड निर्धारित किए गए हैं। इस ग्रंथ का पाठ आमतौर पर परिवार के किसी सदस्य की मृत्यु के बाद किया जाता है। इससे आत्मा को मोक्ष प्राप्त होता है और घर की शुद्धि होती है।

By Kaushik SharmaEdited By: Kaushik SharmaUpdated: Wed, 28 Feb 2024 02:00 PM (IST)
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Garuda Purana: गरुड़ पुराण कब और क्यों पढ़ना चाहिए? जानें इसके नियम

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Garuda Purana: सनातन धर्म में कई महत्वपूर्ण ग्रंथ हैं, जिनमें से गरुड़ पुराण एक अहम ग्रंथ है। यह जगत के पालनहार भगवान विष्णु के द्वारा अपने भक्तों को दिए गए ज्ञान पर आधारित है। इस पुराण में मृत्यु के बाद की स्थिति का वर्णन किया गया है। इसके अलावा गरुण पुराण में इंसान के अलग-अलग कर्मों के लिए अलग-अलग दंड निर्धारित किए गए हैं। इस ग्रंथ का पाठ आमतौर पर परिवार के किसी सदस्य के निधन के बाद किया जाता है। इससे आत्मा को मोक्ष प्राप्त होता है और घर की शुद्धि होती है। चलिए इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे गरुड़ पुराण के बारे में विस्तार से।

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कब और क्यों पढ़ना चाहिए गरुड़ पुराण?

शास्त्रों की माने तो घर में किसी सदस्य की मृत्यु के बाद गरुड़ पुराण पाठ करना चाहिए। इसलिए जिस इंसान की मृत्यु होती है उसकी आत्मा को गरुड़ पुराण सुनाया जाता है। मृतक इंसान की आत्मा पूरे 13 दिनों तक अपने घर पर ही रहती है। इसलिए गरुड़ पुराण का पाठ करने से उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है।

गरुड़ पुराण पढ़ने के नियम

-गरुड़ पुराण एक रहस्यात्मक ग्रंथ है। इसका पाठ करने से पहले कई बातों को ध्यान में रखना चाहिए।-कई लोगों का मानना है कि गरुड़ पुराण को घर में नहीं रखना चाहिए। इस बारे में कई भ्रांतियां हैं। आपको बता दें कि इस ग्रंथ का पाठ मृत्यु के बाद किया जाता है। इसलिए इसे घर में रखना उचित नहीं है।

-इंसान को पूरी पवित्रता और शुद्ध मन से गरुड़ पुराण का पाठ करना चाहिए।

-इसके अलावा गरुड़ पुराण का पाठ साफ-सफाई वाली जगह पर ही करना चाहिए।

गरुड़ पुराण का महत्व

गरुड़ पुराण 18 महापुराणों में एक है। इस ग्रंथ में 19 हजार श्लोक हैं, जिसके सात हजार श्लोक में इंसान के जीवन से संबंधित है। इसमें नरक, स्वर्ग, रहस्य, नीति, धर्म और ज्ञान का उल्लेख किया गया है। इस ग्रंथ का पाठ करने से इंसान को ज्ञान, यज्ञ, तप और आत्मज्ञान, सदाचार के बारे में जानकारी प्राप्त होती है।

मिलते हैं ये फायदे

मान्यता के अनुसार, अगर किसी की मृत्यु के बाद इस ग्रंथ का पाठ किया जाता है, तो उसकी आत्मा को मोक्ष की प्राप्ति मिलती है और नकारात्मक शक्ति खत्म होती है। इसके अलावा घर का वातावरण शुद्ध होता है।

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डिसक्लेमर: 'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'