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Garud Puran: गरुड़ पुराण में बताई गई ये आदतें, बन सकती हैं मुसीबतों का कारण

हिंदू धर्म के महत्वपूर्ण ग्रंथों में से एक गरुड़ पुराण में मृत्यु और उसके बाद की अवस्था का वर्णन मिलता है। साथ ही इसमें व्यक्ति की कुछ ऐसी आदतों के बारे में भी बताया गया है जिसके द्वारा व्यक्ति को जीवन में आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ सकता है। तो चलिए जानते हैं कि गरुड़ पुराण में वर्णित किन आदतों को तुरंत छोड़ देना चाहिए।

By Suman Saini Edited By: Suman Saini Updated: Wed, 05 Jun 2024 11:51 AM (IST)
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Garud Puran: गरुड़ पुराण में खराब बताई गई हैं ये आदतें।

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। गरुड़ पुराण के मुख्य देवता भगवान विष्णु हैं। गरुड़ पुराण में वर्णित है व्यक्ति के जीवन के लिए कोई और नहीं, बल्कि वह स्वयं जिम्मेदार होता है। ऐसे में अगर आप गरुण पुराण (Garuda Purana in Hindi) में गलत मानी गई इन आदतों को छोड़ देते हैं, तो आपको लक्ष्मी जी की विशेष कृपा प्राप्त हो सकती है।

नहीं मिलती लक्ष्मी मां की कृपा

जल्दी उठने की आदत को हिंदू शास्त्रों में बहुत अच्छा बताया गया है। इस आदत को स्वास्थ्य पर भी लाभ देखने को मिलता है। वहीं, इसके विपरीत गरुड़ पुराण देर तक सोने की आदत को बहुत ही नुकसानदायक माना गया है। क्योंकि ऐसे लोगों पर भी धन की देवी लक्ष्मी की कृपा नहीं बरसती और उन्हें कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है।

ये गलती पड़ सकती है भारी

कई लोगों की रात में रसोई घर में गंदे बर्तन छोड़ देते हैं। लेकिन गरुड़ पुराण में इस आदत को बिलकुल भी सही नहीं बताया गया। ऐसा करने से व्यक्ति को मां लक्ष्मी की नाराजगी झेलनी पड़ सकती है। ऐसे में यह आदत आपकी आर्थिक तंगी का कारण भी बन सकती है। इसलिए इस बात का विशेष रूप से ध्यान रखें कि रात के समय रसोई में कभी भी झूठे बर्तन छोड़कर न सोएं।

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बनी रहेगी सुख-समृद्धि

गरुड़ पुराण में बताया गया है कि व्यक्ति का साफ-सुथरा रहना बहुत जरूरी है, क्योंकि मां लक्ष्मी भी उसी स्थान पर वास करती हैं जहां स्वच्छता का विशेष रूप से ध्यान रखा जाए। ऐसे में रोजाना स्नान करने करें और साफ-सुथरे कपड़े पहनें। इसके साथ ही घर की साफ-सफाई का पूरा ध्यान रखें, ताकि आपके और आपके परिवार के ऊपर लक्ष्मी जी की दया दृष्टि बनी रहे।

अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।