Gayatri Jayanti 2023: इस दिन मनाई जाएगी गायत्री जयंती? जानें तिथि, शुभ मुहूर्त और महत्व
Gayatri Jayanti 2023 शास्त्रों में यह विदित है कि माता गायत्री का जन्म श्रावन पूर्णिमा तिथि के दिन हुआ था। मान्यता ही कि इस विशेष दिन पर देवी गायत्री की उपासना करने से जीवन में आ रही सभी समस्याएं दूर हो जाती है। बता दें कि देवी गायत्री को समस्त देवताओं की माता तथा देवी सरस्वती देवी पार्वती एवं देवी लक्ष्मी का अवतार माना जाता है।
By Shantanoo MishraEdited By: Shantanoo MishraUpdated: Fri, 28 Jul 2023 12:54 PM (IST)
नई दिल्ली, अध्यात्म डेस्क । Gayatri Jayanti 2023 Date: सनातन धर्म में माता गायत्री की उपासना का विशेष महत्व है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, श्रावन शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि के दिन देवी गायत्री का जन्म हुआ था। ऐसे में प्रत्येक वर्ष इस दिन को गायत्री जयंती के रूप में मनाया जाता है। मान्यता है कि इस विशेष दिन पर गायत्री माता की उपासना करने से साधक की सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती है। आइए जानते हैं, कब मनाई जाएगी गायत्री जयंती, शुभ मुहूर्त और पूजा विधि?
गायत्री जयंती 2023 तिथि
वैदिक पंचांग के अनुसार, श्रावन शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि का शुभारंभ 30 अगस्त को सुबह 10 बजकर 58 मिनट पर होगा और 31 अगस्त को सुबह 07 बजकर 05 मिनट पर समाप्त हो जाएगा। उदया तिथि के अनुसार, गायत्री जयंती 31 अगस्त 2023, गुरुवार के दिन मनाई जाएगी।Ganesh Chaturthi 2023: कब से हो रहा है गणेश उत्सव का शुभारंभ? जानिए तिथि, स्थापना मुहूर्त और विधि
इस दिन करें गायत्री मंत्र का जाप
'ऊं भूर्भुव: स्व: तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि। धियो यो न: प्रचोदयात्।।बता दें कि सनातन धर्म में गायत्री मंत्र की विशेष मान्यता है। माना जाता है कि गायत्री मंत्र का जाप करने से मानसिक शांति, आत्मिक सुख, इन्द्रियों पर नियंत्रण, गुस्से पर काबू और बुद्धि में बढ़ोतरी जैसे लाभ प्राप्त होते हैं। ऐसे में गायत्री जयंती के दिन गायत्री मंत्र का जाप करने से साधक की सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती है।
गायत्री जयंती का महत्व
शास्त्रों में देवी गायत्री को समस्त वेदों की देवी कहा गया है। साथ ही उन्हें समस्त देवताओं की माता तथा देवी सरस्वती, देवी पार्वती एवं देवी लक्ष्मी का अवतार माना जाता है। इसके साथ इस विशेष दिन को संस्कृत दिवस के रूप में भी मनाया जाता है। ऐसे में इस दिन माता गायत्री की उपासना करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती है और साधकों को बुद्धि, ज्ञान और तेज की प्राप्ति होती है।
Adhik Maas 2023: अधिक मास की पूर्णिमा के दिन करें ये विशेष उपाय, माता लक्ष्मी के साथ मिलेगी श्री हरि की कृपाडिसक्लेमर: इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहे।