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Geeta Jayanti 2023: मार्गशीर्ष महीने में कब है गीता जयंती ? जानें शुभ मुहूर्त एवं धार्मिक महत्व

Geeta Jayanti 2023 सनातन शास्त्रों में निहित है कि मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को जगत के पालनहार भगवान श्रीकृष्ण ने कुरुक्षेत्र की युद्ध भूमि पर अपने परम शिष्य अर्जुन को गीता उपदेश दिया था। अत गीता जयंती के दिन विधि-विधान से भगवान श्रीकृष्ण की पूजा-उपासना की जाती है। मंदिरों में गीता पूजा का आयोजन किया जाता है।

By Pravin KumarEdited By: Pravin KumarUpdated: Thu, 30 Nov 2023 04:32 PM (IST)
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Geeta Jayanti 2023: मार्गशीर्ष महीने में कब है गीता जयंती ? जानें शुभ मुहूर्त एवं धार्मिक महत्व
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Geeta Jayanti 2023: हर वर्ष मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को गीता जयंती मनाई जाती है। इस दिन मोक्षदा एकादशी भी मनाई जाती है। सनातन शास्त्रों में निहित है कि मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को जगत के पालनहार भगवान श्रीकृष्ण ने कुरुक्षेत्र की युद्ध भूमि पर अपने परम शिष्य अर्जुन को गीता उपदेश दिया था। इस दिन विधि-विधान से भगवान श्रीकृष्ण की पूजा-उपासना की जाती है। मंदिरों में गीता पूजा का आयोजन किया जाता है। आइए, शुभ मुहूर्त, पूजा विधि एवं महत्व जानते हैं-

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शुभ मुहूर्त

पंचांग के अनुसार, 22 दिसंबर को गीता जयंती है। मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी 22 दिसंबर को प्रातः काल 08 बजकर 16 मिनट पर शुरू होगी और 23 दिसंबर को प्रातः काल 07 बजकर 11 मिनट पर समाप्त होगी। ज्योतिषियों की मानें तो गीता जयंती की यह 5160 वीं वर्षगांठ है।

पूजा विधि

गीता जयंती के दिन ब्रह्म बेला में उठें और भगवान कृष्ण को प्रणाम कर दिन की शुरुआत करें। घर की साफ-सफाई करें। दैनिक कार्यों से निवृत होने के बाद गंगाजल युक्त पानी से स्नान करें। इस समय आचमन कर स्वयं को शुद्ध करें। अब पीला वस्त्र धारण कर सबसे पहले भगवान सूर्य देव को जल का अर्घ्य दें। अब पंचोपचार कर विधि-विधान से भगवान मधुसूदन की पूजा करें। इस समय पवित्र ग्रंथ 'गीता' के कम से कम एक अध्याय का अध्ययन और श्रवण अवश्य करें। अंत में आरती कर सुख, समृद्धि और शांति की कामना कृष्ण कन्हैया से अवश्य करें।

धार्मिक महत्व

सनातन धर्म में गीता जयंती का विशेष महत्व है। शास्त्रों में निहित है कि भगवान श्रीकृष्ण ने मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को अर्जुन को गीता ज्ञान दिया था। यह ग्रंथ मनुष्य के उत्थान का प्रमुख स्तोत्र है। अतः इस दिन मोक्षदा एकादशी भी मनाई जाती है। इस शुभ अवसर पर भगवान श्रीकृष्ण की पूजा-उपासना की जाती है।

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डिसक्लेमर:'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'