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Gita Jayanti 2022: गीता जयंती पर घर ला रहे हैं भगवत गीता, तो जान लें कुछ विशेष नियम

Gita Jayanti 2022 हिन्दू धर्म में भगवान श्री कृष्ण के उपदेश अर्थात श्रीमद्भागवत गीता को बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। गीता में भगवान श्री कृष्ण ने धनुर्धर अर्जुन को ज्ञान धर्म और जीवन के महत्वपूर्ण गुणों से अवगत कराया था।

By Shantanoo MishraEdited By: Updated: Sat, 03 Dec 2022 12:25 PM (IST)
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Gita Jayanti 2022: भगवत गीता ग्रंथ को घर पर रखने के कुछ नियम है. जिन्हें जानना बहुत जरूरी है।
नई दिल्ली, डिजिटल डेस्क | Gita Jayanti 2022, Bhagavad Gita: हिन्दू धर्म में भगवत गीता का विशेष महत्व है। यही कारण है कि अधिकांश घरों में भगवत गीता रखी जाती है। साथ ही मान्यता है कि जिस घर में गीता का नियमित पाठ किया जाता है, वहां सदैव खुशहाली बनी रहती है। आज 03 दिसंबर 2022 (Gita Jayanti 2022 Date) के दिन देश भर में गीता जयंती महोत्सव हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है। आज के दिन कई धार्मिक और स्वयंसेवी संस्थान गीता के उपदेशों का प्रचार करते हैं और भगवत गीता का मुफ्त में वितरण करते हैं।

गीता जयंती के दिन यदि आप घर पर भगवत गीता लेकर आ रहे हैं तो इससे पहले कुछ नियमों को जान लेना आवश्यक है। ऐसा इसलिए क्योंकि जिन घरों में भागवत गीता ग्रंथ उपस्थिति है वहां सकारात्मक उर्जा का संचार होता है। लेकिन कुछ गलतियों के कारण व्यक्ति को दुष्प्रभाव का सामना करना पड़ सकता है। इसलिए आइए जानते हैं घर में उचित रूप से गीता को कैसे रखा जाए।

घर पर भगवत गीता रखने का नियम (Bhagavad Gita Niyam)

  • श्रीमद्भागवत गीता एक पवित्र ग्रन्थ है, इसलिए पढ़ने के बाद इन्हें मंदिर में ही रखना चाहिए। साथ ही बिना स्नान के छूना भी नहीं चाहिए, इस नियम का पालन न करने से व्यक्ति को कई प्रकार के समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।

  • शास्त्रों में बताया गया है कि गीता का पाठ किसी भी समय करने से उत्तम फल मिलता है। लेकिन पाठ शुरू करने से पहले इस बात का ध्यान रखें कि कोई भी अध्याय बीच में ना छूटे। अध्याय को पूर्णतः समाप्त करके ही अन्य कार्य करें।

  • गीता का पाठ करने से भगवान श्री गणेश और श्री कृष्ण की उपासना जरूर करें और जिस आसन पर पाठ कर रहे हैं, हर दिन उसी का प्रयोग करें। दूसरों का आसन प्रयोग करने से पाठ का प्रभाव कम हो जाता है।

  • व्यक्ति को भगवत गीता के पाठ दौरान उनकी पवित्रता का विशेष ध्यान रखना चाहिए। इसलिए इन्हें कभी भी जमीन पर ना रखें। इन्हें पूजा की चौकी या काठ पर रखें और फिर पाठ करें। ऐसा करने से व्यक्ति पर किसी भी प्रकार का दोष नहीं लगता है।

  • व्यक्ति इस बात का भी विशेष ध्यान रखें कि भगवत गीता का पाठ शुरू करने से पहले उन्होंने मांसाहार या मदिरा और तामसिक भोजन का सेवन ना किया हो। साथ ही पाठ के बाद भी इस बात का ध्यान रखें।

डिसक्लेमर- इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।