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Gita Jayanti 2023: क्यों मनाई जाती है गीता जयंती ? जानें इसके पीछे का रहस्य

प्रत्येक वर्ष मार्गशीर्ष महीने की शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को गीता जयंती का पर्व मनाया जाता है। मान्यता के अनुसार इस दिन भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को गीता का उपदेश दिया था। गीता जयंती के दिन पूजा और उपवास करने का विधान है। मान्यता है कि ऐसा करने से साधक का मन पवित्र होता है। साथ ही सुख-सौभाग्य की प्राप्ति होती है।

By Jagran NewsEdited By: Pravin KumarUpdated: Sat, 16 Dec 2023 11:41 AM (IST)
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Geeta Jayanti 2023: क्यों मनाई जाती है गीता जयंती? जानें इसके पीछे का रहस्य
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Gita Jayanti 2023: प्रत्येक वर्ष मार्गशीर्ष महीने की शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को गीता जयंती का पर्व मनाया जाता है। मान्यता के अनुसार, इस दिन भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को गीता का उपदेश दिया था। गीता जयंती के दिन पूजा और उपवास करने का विधान है। मान्यता है कि ऐसा करने से साधक का मन पवित्र होता है। साथ ही सुख-सौभाग्य की प्राप्ति होती है। इस साल 22 दिसंबर को गीता जयंती है। आइए जानते हैं आखिर क्यों मनाई जाती है गीता जयंती ?

विश्व का एक इकलौता ग्रंथ है श्रीमद भगवत गीता, जिसकी जयंती मनाई जाती है। यही कारण है कि गीता ग्रंथ का जन्म भगवान श्रीकृष्ण के मुख से हुआ है। बता दें कि गीता में वर्णित सभी श्लोक श्रीकृष्ण के मुख से निकले हैं। इसलिए गीता जयंती मनाई जाती है।

शुभ मुहूर्त

दैनिक पंचांग के अनुसार, इस बार गीता जयंती 22 दिसंबर को है। मार्गशीर्ष महीने की शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि की शुरूआत सुबह 08 बजकर 16 मिनट पर होगी और इसके अगले दिन यानि 23 दिसंबर को प्रातः काल 07 बजकर 11 मिनट पर तिथि का समापन होगा।

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गीता के श्लोक

कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन।

मा कर्मफलहेतुर्भूर्मा ते सङ्गोऽस्त्वकर्मणि॥

अज्ञश्चाश्रद्दधानश्च संशयात्मा विनश्यति।

नायं लोकोऽस्ति न परो न सुखं संशयात्मनः।।

श्रद्धावान्ल्लभते ज्ञानं तत्पर: संयतेन्द्रिय:।

ज्ञानं लब्ध्वा परां शान्तिमचिरेणाधिगच्छति॥

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Author- Kaushik Sharma

डिसक्लेमर- इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।