गोबर से बनी है यहां भगवान गणेश की मूरत, इन वजहों से बेहद खास है एमपी का Gobar Ganesh Mandir
भगवान गणेश की पूजा बहुत ही फलदायी मानी जाती है। इस बार गणेश महोत्सव (Ganesh Mahotsav 2024) की शुरुआत 7 सितंबर 2024 से हुई है। ऐसा माना जाता है कि इस दौरान उपवास रखने से भगवान गणेश जीवन की सभी मुश्किलों को दूर करते हैं। वहीं आज हम बप्पा के एक ऐसे धाम के बारे में जानेंगे जो 900 साल पुराना है।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। गणेश महोत्सव हर साल धूमधाम और भक्ति भाव के साथ मनाया जाता है। यह त्योहार भगवान गणेश के जन्म का प्रतीक है, जो पूरे 10 दिनों तक चलता है। ऐसी मान्यता है कि इस दौरान (ganesh chaturthi 2024) व्रत रखने से सभी मुरादें पूर्ण होती हैं और गणेश जी का आशीर्वाद प्राप्त होता है। वहीं, जब साल का इतना पावन समय चल रहा है, तो चलिए हम भगवान गणेश के एक ऐसे मंदिर के बारे में जानते हैं, जिसके चमत्कारों की चर्चा दूर-दूर तक है।
दक्षिण मुखी है गोबर गणेश धाम
दरअसल, हम दक्षिण मुखी गोबर गणेश, महेश्वर मंदिर की बात कर रहे हैं, जहां पर एक बार दर्शन से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं। यह मध्य प्रदेश के महेश्वर में स्थित है। इसका निर्माण अहिल्याबाई ने 250 साल पहले कराया था। यह बप्पा का एक मात्र मंदिर है जहां उनकी गोबर की प्रतिमा है।
ऐसा कहा जाता है कि यहां विराजमान प्रतिमा 900 साल पुरानी है। गोबर की प्रतिमा होने की वजह से इसे गोबर गणेश के नाम से जाना जाता है। इस पवित्र धाम का बाहरी हिस्सा मस्जिद के आकार का है। साथ ही मंदिर के अंदर का हिस्सा श्रीयंत्र की तरह है।
12 साल से जल रही है अखंड ज्योति
ऐसा कहा जाता है कि औरंगजेब के शासन काल में इस धाम को तोड़कर मस्जिद बनाने की कोशिश की गई थी, जिसके चलते इसका आकार गुंबद के जैसा है। भगवान गणेश के इस मंदिर में उनके साथ उनकी पत्नियां रिद्धि और सिद्धि भी विराजमान हैं।
वहीं, यहां पर 12 साल से एक अखंड ज्योति भी जल रहा है, जिसका अपना एक खास महत्व है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, जो साधक इस पवित्र स्थान पर आते हैं और बप्पा का आशीर्वाद लेते हैं, उनके सभी बिगड़े काम बन जाते हैं। साथ ही समस्त बाधाओं का अंत होता है।यह भी पढ़ें: Pradosh Vrat 2024: प्रदोष व्रत पर महादेव की इस तरह करें पूजा, सभी कार्यों में मिलेगी सफलता
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