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Govardhan Parvat: गोवर्धन पर्वत से बिल्कुल भी घर न लाएं ये चीज, वरना जीवन से चली जाएगी सुख-शांति

जब हम किसी धार्मिक स्थल पर जाते हैं तो याद के तौर पर वहां से कई तरह की चीजें अपने साथ ले आते हैं। इसी तरह मथुरा में स्थित गोवर्धन पर्वत की परिक्रमा के दौरान भी लोग वहां से शिला को घर ले आते हैं। तो चलिए जानते हैं कि ऐसा करना सही है या गलत और आपको इसके क्या परिणाम मिल सकते हैं।

By Suman Saini Edited By: Suman Saini Updated: Thu, 26 Sep 2024 05:09 PM (IST)
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Govardhan Parvat गोवर्धन पर्वत से बिल्कुल भी घर न लाएं ये चीज

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। मथुरा का नाम लेते ही, भगवान श्रीकृष्ण की छवि मन में उभरने लगती है। यहां भगवान श्रीकृष्ण के ऐसे कई प्रसिद्ध मंदिर मौजूद हैं, जिनके दर्शन के लिए न केवल देश बल्कि विदेश से भी लोग आते हैं। ऐसे में यदि आप भी कृष्ण की नगरी मथुरा में स्थित गोवर्धन पर्वत जाने का मन बना रहे हैं, तो वहां से इस चीज को लाने से बचना चाहिए, वरना इसके अच्छे के स्थान पर बुरे परिणाम मिल सकते हैं।

गोवर्धन पर्वत की महिमा

उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले में गोवर्धन पर्वत भी स्थित है, जिससे भगवान श्रीकृष्ण की एक प्रमुख लीला जुड़ी हुई है। जिसके अनुसार, जब एक बार इंद्र देव ने भारी वर्षा की थी, जब भगवान कृष्ण ने गोवर्धन पर्वत को अपनी सबसे छोटी उंगली पर धारण कर समस्त गांव वासियों की रक्षा की थी। इसलिए हिंदू धर्म में गोवर्धन पूजा का भी विधान है, जो मुख्य रूप से दीपावली के एक दिन बाद की जाती है।

इसी से साथ धार्मिक ग्रंथों में गिरीराज यानी गोवर्धन पर्वत का दर्शन करना भी काफी पुण्य दायक बताया गया है। साथ ही इस पर्वत की परिक्रमा का भी विशेष महत्व माना गया है। ऐसा माना जाता है कि जीवन में एक बार गोवर्धन पर्वत की परिक्रमा जरूर करनी चाहिए, क्योंकि इससे साधक के सभी कष्ट दूर होते हैं और मनोकामनाएं भी पूर्ण होती हैं।

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भूल से भी न लाएं ये चीज

कई लोग गोवर्धन पर्वत की परिक्रमा करते समय यहां से शिला अपने घर ले आते हैं। लेकिन ऐसा करना बिल्कुल भी शुभ नहीं माना जाता। कहा जाता है कि ऐसा करने से राधा रानी और भगवान श्रीकृष्ण आपसे नाराज हो सकते हैं, जिससे आपको बुरे परिणाम प्राप्त हो सकते हैं। इसके बुरे परिणामों से तभी बचा जा सकता है, जब आप गोवर्धन की शिला के भार बराबर ही स्वर्ण अर्पित करें।

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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।