Move to Jagran APP

Govardhan Puja 2024: गोवर्धन पूजा पर ऐसे करें भगवान कृष्ण की स्तुति, दूर होंगे जीवन के सभी दुख

गोवर्धन पूजा का दिन अपने आप में बेहद खास माना जाता है। इस दिन (Govardhan Puja 2024) भगवान कृष्ण की पूजा होती है। श्री कृष्ण जगत के पालनहार हैं और जो भक्त पूरी श्रद्धा और समर्पण के साथ उनकी आराधना करते हैं उन्हें जीवन के सभी दुखों से छुटकारा मिलता है। साथ ही जीवन कल्याण की ओर अग्रसर होता है।

By Vaishnavi Dwivedi Edited By: Vaishnavi Dwivedi Updated: Sat, 02 Nov 2024 09:55 AM (IST)
Hero Image
Govardhan Puja 2024: गोवर्धन पूजा के दिन करें ये काम।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। सनातन धर्म में गोवर्धन पूजा को बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है। इस दिन भगवान श्रीकृष्ण की पूजा का विशेष महत्व है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन भक्त गोबर से भगवान कृष्ण और गोवर्धन पर्वत की छवि बनाकर उनकी पूजा करते हैं और उन्हें फल, मिष्ठान और फूल आदि चीजें अर्पित करते हैं। वहीं, कुछ ऐसे साधक भी हैं, जो स्तुति, स्तोत्र और मंत्र जाप आदि से प्रभु श्रीकृष्ण की आराधना करते हैं। ऐसे में

आज (Govardhan Puja 2024) हम श्रीकृष्ण के बेहद चमत्कारी स्तोत्र श्री राधा कृष्ण अष्टकम और राधा-कृष्ण स्तोत्र को यहां पर साझा करेंगे, जिसके पाठ से सभी मुश्किलों का अंत होता है, तो आइए यहां पर पढ़ते हैं।

।।श्री राधा कृष्ण अष्टकम।।

चथुर मुखाधि संस्थुथं, समास्थ स्थ्वथोनुथं ।

हलौधधि सयुथं, नमामि रधिकधिपं ॥

भकाधि दैथ्य कालकं, सगोपगोपिपलकं ।

मनोहरसि थालकं, नमामि रधिकधिपं ॥

सुरेन्द्र गर्व बन्जनं, विरिञ्चि मोह बन्जनं ।

वृजङ्ग ननु रञ्जनं, नमामि रधिकधिपं ॥

मयूर पिञ्च मण्डनं, गजेन्द्र दण्ड गन्दनं ।

वैदिक पंचांग के अनुसार, गोवर्धन पूजा (Govardhan Puja 2024 Shubh Muhurat) पर त्रिपुष्कर योग रात्रि 08 बजकर 21 मिनट से सुबह 05 बजकर 58 मिनट तक रहेगा। इस दौरान शुभ कार्यों को करने से उसमें सफलता प्राप्त होती है।

नृशंस कंस दण्डनं, नमामि रधिकधिपं ॥

प्रदथ विप्रदरकं, सुधमधम कारकं ।

सुरद्रुमपःअरकं, नमामि रधिकधिपं ॥

दानन्जय जयपाहं, महा चमूक्षयवाहं ।

इथमहव्यधपहम्, नमामि रधिकधिपं ॥

मुनीन्द्र सप करणं, यदुप्रजप हरिणं ।

धरभरवत्हरणं, नमामि रधिकधिपं ॥

सुवृक्ष मूल सयिनं, मृगारि मोक्षधयिनं ।

श्र्वकीयधमययिनम्, नमामि रधिकधिपं ॥

।।श्री राधा कृष्ण स्तोत्र।।

वन्दे नवघनश्यामं पीतकौशेयवाससम् ।

सानन्दं सुन्दरं शुद्धं श्रीकृष्णं प्रकृतेः परम् ॥

राधेशं राधिकाप्राणवल्लभं वल्लवीसुतम् ।

राधासेवितपादाब्जं राधावक्षस्थलस्थितम् ॥

राधानुगं राधिकेष्टं राधापहृतमानसम् ।

राधाधारं भवाधारं सर्वाधारं नमामि तम् ॥

राधाहृत्पद्ममध्ये च वसन्तं सन्ततं शुभम् ।

राधासहचरं शश्वत् राधाज्ञापरिपालकम् ॥

कान्हा की पूजा के समय ''श्री राधा कृष्ण स्तोत्र'' का पाठ परम कल्याणकारी माना जाता है। इसका एक बार पाठ करने से राधा रानी और कृष्ण जी की कृपा मिलती है। इसके साथ ही इस मौके पर मुरलीधर को पंचामृत और पंजीरी अर्पित करना भी बेहद शुभ माना जाता है।

ध्यायन्ते योगिनो योगान् सिद्धाः सिद्धेश्वराश्च यम् ।

तं ध्यायेत् सततं शुद्धं भगवन्तं सनातनम् ॥

निर्लिप्तं च निरीहं च परमात्मानमीश्वरम् ।

नित्यं सत्यं च परमं भगवन्तं सनातनम् ॥

यः सृष्टेरादिभूतं च सर्वबीजं परात्परम् ।

योगिनस्तं प्रपद्यन्ते भगवन्तं सनातनम् ॥

बीजं नानावताराणां सर्वकारणकारणम् ।

वेदवेद्यं वेदबीजं वेदकारणकारणम् ॥

योगिनस्तं प्रपद्यन्ते भगवन्तं सनातनम् ।

गन्धर्वेण कृतं स्तोत्रं यः पठेत् प्रयतः शुचिः ।

इहैव जीवन्मुक्तश्च परं याति परां गतिम् ॥

हरिभक्तिं हरेर्दास्यं गोलोकं च निरामयम् ।

पार्षदप्रवरत्वं च लभते नात्र संशयः ॥

यह भी पढ़ें: Govardhan Puja 2024: गोवर्धन पूजा पर ऐसे करें गौ माता की सेवा, अन्न-धन से भर जाएगा घर

अस्वीकरण: ''इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है''।