धर्म डेस्क, नई दिल्ली। गोवर्धन पूजा को बहुत ही विशेष माना जाता है। यह पर्व दीवाली के एक दिन बाद मनाया जाता है। हिंदू पंचांग के अनुसार, इस साल दीवाली 31 अक्टूबर को मनाई जाएगी। वहीं, गोवर्धन पूजा दिन शनिवार, 2 नवंबर को की जाएगी। शास्त्रों के अनुसार, यह दिन इंद्र देव पर श्रीकृष्ण की विजय के रूप में मनाया जाता है। मान्यताओं के अनुसार, इस शुभ दिन (Govardhan Puja 2024) पर लोग अपने-अपने घरों में गोबर और साबुत अनाज से कृष्ण भगवान और
गोवर्धन पर्वत के चित्र को बनाते हैं और उनकी विधिवत आराधना करते हैं। वहीं, इस दिन भगवान कृष्ण की आरती करने का भी विधान है, जिसे करने से घर में कभी धन और दौलत की कमी नहीं होती है।
हालांकि आरती से पहले कान्हा जी को
56 भोग अवश्य लगाएं, क्योंकि इस दिन 56 भोग लगाने का भी विधान है। यदि आप किसी वजह से इस भोग को नहीं चढ़ा पा रहे हैं, तो माखन-मिश्री का भोग लगाएं।
श्रीकृष्ण की आरती (Krishna Bhagwan Ki Aarti)
आरती कुंजबिहारी की,श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की ॥आरती कुंजबिहारी की,श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की ॥
गले में बैजंती माला, बजावै मुरली मधुर बाला श्रवण में कुण्डल झलकाला,नंद के आनंद नंदलालागगन सम अंग कांति काली, राधिका चमक रही आलीलतन में ठाढ़े बनमाली भ्रमर सी अलक, कस्तूरी तिलक
चंद्र सी झलक, ललित छवि श्यामा प्यारी की,श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की, आरती कुंजबिहारी की…॥
हिंदू पंचांग के अनुसार, विजय मुहूर्त दोपहर 01 बजकर 55 मिनट से 02 बजकर 39 मिनट तक रहेगा। वहीं, गोधूलि मुहूर्त शाम 05 बजकर 36 मिनट से 06 बजकर 02 मिनट तक रहेगा। इसके साथ ही निशिता मुहूर्त रात्रि 11 बजकर 39 मिनट से 12 बजकर 31 मिनट तक रहेगा। इस दौरान आप कोई भी पुण्य कार्य कर सकते हैं।
कनकमय मोर मुकुट बिलसै, देवता दरसन को तरसैं।
गगन सों सुमन रासि बरसै, बजे मुरचंग, मधुर मिरदंग ग्वालिन संग।अतुल रति गोप कुमारी की, श्री गिरिधर कृष्णमुरारी की ॥॥ आरती कुंजबिहारी की…॥जहां ते प्रकट भई गंगा, सकल मन हारिणि श्री गंगा।स्मरन ते होत मोह भंगा, बसी शिव सीस।जटा के बीच,हरै अघ कीच, चरन छवि श्रीबनवारी कीश्री गिरिधर कृष्णमुरारी की ॥ ॥ आरती कुंजबिहारी की…॥चमकती उज्ज्वल तट रेनू, बज रही वृंदावन बेनू
चहुं दिसि गोपि ग्वाल धेनूहंसत मृदु मंद, चांदनी चंद, कटत भव फंद।टेर सुन दीन दुखारी कीश्री गिरिधर कृष्णमुरारी की ॥॥ आरती कुंजबिहारी की…॥आरती कुंजबिहारी कीश्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की ॥आरती कुंजबिहारी कीश्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की ॥
हे गोपाल कृष्ण करूँ आरती तेरी (Hey Gopal Krishna Karu Aarti Teri)
हे गोपाल कृष्ण करूँ आरती तेरी,हे प्रिया पति मैं करू आरती तेरी,तुझपे ओ कान्हा बलि बलि जाऊं,सांझ सवेरे तेरे गुण गाउँ,प्रेम में रंगी मैं रंगी भक्ति में तेरी,हे गोपाल कृष्ण करू आरती तेरी,हे प्रिया पति मैं करू आरती तेरी ।ये माटी का कण है तेरा,मन और प्राण भी तेरे,मैं एक गोपी, तुम हो कन्हैया,तुम हो भगवन मेरे,हे गोपाल कृष्ण करूँ आरती तेरी,
हे प्रिया पति मैं करू आरती तेरी ।
वैदिक पंचांग के अनुसार, राहु काल सुबह 10 बजकर 42 मिनट से 12 बजकर 04 मिनट तक रहेगा। गुलिक काल सुबह 07 बजकर 56 मिनट से 09 बजकर 19 मिनट तक रहेगा। इस दौरान आपको किसी भी प्रकार के शुभ कार्यों को करने से बचना चाहिए। इससे आपको नुकसान का सामना करना पड़ सकता है।
ओ कान्हा तेरा रूप अनुपम,मन को हरता जाए,
मन ये चाहे हर पल अंखिया,तेरा दर्शन पाये,दर्श तेरा, प्रेम तेरा, आस है मेरी,हे गोपाल कृष्ण करू आरती तेरी,हे प्रिया पति मैं करू आरती तेरी ।हे गोपाल कृष्ण करूँ आरती तेरी,हे प्रिया पति मैं करू आरती तेरी,तुझपे ओ कान्हा बलि बलि जाऊं,सांझ सवेरे तेरे गुण गाउँ,प्रेम में रंगी मैं रंगी भक्ति में तेरी,हे गोपाल कृष्ण करू आरती तेरी,
हे प्रिया पति मैं करू आरती तेरी ।
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