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Gupt Navratri 2023: आज से हो रहा है आषाढ़ गुप्त नवरात्रि का शुभारंभ, जानें घटस्थापना समय और पूजा महत्व

Gupt Navratri 2023 हिन्दू धर्म में आषाढ़ गुप्त नवरात्रि का विशेष महत्व है। मान्यताओं के अनुसार गुप्त नवरात्रि मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की उपासना करने से जीवन में आ रही परेशानियां दूर हो जाती है। बता दें आषाढ़ गुप्त नवरात्रि का शुभारंभ अत्यंत शुभ योग में हो रहा है।

By Shantanoo MishraEdited By: Shantanoo MishraUpdated: Mon, 19 Jun 2023 10:32 AM (IST)
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Gupt Navratri 2023: गुप्त नवरात्रि पर इस शुभ मुहूर्त में करें पूजा-पाठ।

नई दिल्ली, अध्यात्म डेस्क | Gupt Navratri 2023 Start Date and Time: हिन्दू पंचांग के अनुसार, आज यानि आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से आषाढ़ गुप्त नवरात्रि कि शुरुआत होने जा रही है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, नवरात्रि के इन नौ दिनों में मां दुर्गा के सभी नौ स्वरूपों की उपासना का विशेष महत्व।

बता दें कि गुप्त नवरात्रि का शुभारंभ अत्यंत शुभ योग में हो रहा है। इस दिन वृद्धि योग का निर्माण होगा, जिसे ज्योतिष शास्त्र में बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, वृद्धि योग में किए गए धार्मिक कार्य से व्यक्ति को विशेष फल की प्राप्ति होती है। ऐसे में इस शुभ योग में घट स्थापना करने से साधक को विशेष फल की प्राप्ति हो सकती है। आइए जानते हैं, आषाढ़ गुप्त नवरात्रि तिथि शुभ मुहूर्त और पूजा का महत्व।

आषाढ़ गुप्त नवरात्रि 2023 तिथि और शुभ मुहूर्त

पंचांग में बताया गया है कि आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि की शुरुआत 18 जून को सुबह 10:06 से होगी और इस तिथि का समापन 19 जून को सुबह 11:25 पर हो जाएगा। ऐसे में आषाढ़ गुप्त नवरात्रि का शुभारंभ 19 जून 2023, सोमवार के दिन होगा। इस दिन वृद्धि योग का निर्माण हो रहा है, जो 19 जून को रात्रि 1:00 बजे शुरू होगा और इसका समापन 20 जून को रात्रि 1:15 पर हो जाएगा।

इस तरह करें गुप्त नवरात्रि की पूजा

गुप्त नवरात्रि में मां दुर्गा की विधिवत पूजा-पाठ के साथ कलश स्थापना भी की जाती है। कलश स्थापना के साथ सुबह और संध्या पूजा के समय दुर्गा चालीसा अथवा दुर्गा सप्तशती का पाठ जरूर करें। साथ ही माता को लौंग व बताशे का भोग चढाएं। इसके साथ कलश स्थापना करते समय मां को लाल पुष्प और चुनरी भी अर्पित करें।

गुप्त नवरात्रि में की जाती है 10 महाविद्याओं की साधना

आषाढ़ गुप्त नवरात्रि में 10 महाविद्याओं की पूजा की जाती है। सभी 10 महाविद्याएं मां दुर्गा की ही रूप हैं। मान्यता है कि गुप्त नवरात्रि में तंत्र साधना करने से व्यक्ति को विशेष फल की प्राप्ति होती है। साथ ही जीवन में आ रही कई प्रकार की समस्याएं दूर हो जाती हैं। नवरात्रि के नौ दिनों में मां दुर्गा के सभी 9 स्वरूपों की उपासना का भी विशेष महत्व है। ऐसा करने से मां भगवती प्रसन्न होती हैं और साधक की सभी मनोकामनाएं पूर्ण कर देती हैं।

डिसक्लेमर: इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।