Move to Jagran APP
5/5शेष फ्री लेख

Gupt Navratri 2024: आज से शुरू हुई आषाढ़ गुप्त नवरात्र, नोट करें पूजा से जुड़ी संपूर्ण जानकारी

आषाढ़ गुप्त नवरात्र के दौरान मां दुर्गा की 10 महाविद्याओं की पूजा का विधान है। यह समय (Gupt Navratri 2024) तंत्र विद्या के लिए बहुत खास होता है। यदि आप मां जगदम्बा का आशीर्वाद प्राप्त करना चाहते हैं तो आपको माता रानी की विधि अनुसार पूजा करनी चाहिए। साथ ही सात्विकता का पालन करना चाहिए तो चलिए इस पर्व से जुड़ी प्रमुख बातों को जानते हैं -

By Vaishnavi Dwivedi Edited By: Vaishnavi Dwivedi Updated: Sat, 06 Jul 2024 09:00 AM (IST)
Hero Image
Gupt Navratri 2024: आषाढ़ गुप्त नवरात्र की पूजा विधि -

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। नवरात्र का पर्व सबसे पवित्र दिनों में से एक माना जाता है। इस दौरान भक्त अत्यधिक भक्ति और समर्पण के साथ मां दुर्गा की पूजा-अर्चना करते हैं। साथ ही नौ दिनों तक कठिन उपवास का पालन करते हैं। हिंदू पंचांग के अनुसार, गुप्त नवरात्र साल में दो बार माघ और आषाढ़ माह में आते हैं। इस बार आषाढ़ गुप्त नवरात्र (Gupt Navratri 2024) की शुरुआत 6 जुलाई, 2024 यानी आज से हो रही है।

यह भी पढ़ें: Gupt Navratri 2024: आषाढ़ गुप्त नवरात्र पर करें ये 1 काम, मिलेगा मां दुर्गा का आशीर्वाद

भोग - पूरी, चना, हलवा।

प्रिय रंग - लाल

प्रिय फूल - गुड़हल

घट स्थापना शुभ मुहूर्त - कलश की स्थापना 06 जुलाई सुबह 05 बजकर 11 मिनट से लेकर 07 बजकर 26 मिनट पर करना अच्छा होगा।

आषाढ़ गुप्त नवरात्र की पूजा विधि

सुबह उठकर पवित्र करें। पूजा शुरू करने से पहले व्रत का संकल्प लें। घर और पूजा कक्ष को अच्छी तरह साफ करें। एक वेदी पर देवी की प्रतिमा स्थापित करें। उनका अभिषेक करें। लाल रंग की चुनरी और 16 शृंगार की सामग्री अर्पित करें। कुमकुम का तिलक लगाएं। देसी घी का दीपक जलाएं। मिट्टी के पात्र में जौ के बीज बोएं। मां के समक्ष अखंड ज्योति जलाएं। गुड़हल के फूलों की माला अर्पित करें।

पूरी, बतासा, चना, हलवा, फल मिठाई आदि चीजों का भोग लगाएं। दुर्गा सप्तशती का पाठ करें। आरती से पूजा का समापन करें। पूजा में हुई गलती के लिए क्षमायाचना करें।

मां दुर्गा के मंत्र

1. ॐ जयन्ती मंगला काली भद्रकाली कपालिनी।

दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा नमोऽस्तुते।।

2. या देवी सर्वभूतेषु शक्तिरूपेण संस्थिता,

नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।

यह भी पढ़ें: Gupt Navratri 2024: विवाह में बार-बार आ रही हैं बाधाएं, तो आषाढ़ गुप्त नवरात्र पर करें हल्दी के ये उपाय

अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।