Gupta Godavari Mystery: बेहद रहस्यमयी है चित्रकूट की यह गुफा, जहां गायब हो जाती है गोदावरी नदी की जलधार
चित्रकूट धाम को साधु संतों और ऋषि-मुनियों की नगरी कहा जाता है। इस दिव्य धाम में भगवान राम माता सीता और लक्ष्मण जी ने अपने वनवास के लगभग 11 साल गुजारे थे जिसके चलते इसका महत्व और भी ज्यादा है। इस स्थान से जुड़े ऐसे कई सारे रहस्य हैं जिनसे हर कोई अंजान है तो चलिए इससे जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण बातें जानते हैं।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। हिन्दू धर्म में चित्रकूट धाम का विशेष महत्व है। इस जगह पर यात्रा करने मात्र से व्यक्ति के सभी पाप धुल जाते हैं। यह एक ऐसा दिव्य स्थान है, जहां भगवान राम, मां सीता और लक्ष्मण जी ने अपने वनवास के करीब 11 साल गुजारे थे। इसके साथ ही इसी स्थान पर भरत-मिलाप हुआ था। वहीं, इस पवित्र जगह से जुड़े कई ऐसे रहस्य हैं, जिनकी जानकारी आज तक किसी को नहीं हुई है।
गुप्त गोदावरी नदी का रहस्य
दरअसल, हम मध्य प्रदेश के चित्रकूट जिले में गोदावरी नदी (Gupta Godavari River) के उद्गम रहस्य की बात कर रहे हैं, जिसका जल कुछ ही दूर तक भूमिगत गुफा में दिखाई देने के बाद अपने आप गुप्त हो जाता है। बता दें, गुप्त गोदावरी राम घाट से करीब 18 किलोमीटर दूर है। ऐसा कहा जाता है कि जब भक्त दर्शन करने के लिए गुफा से गुजरते हैं, तो उनके घुटनों तक पानी भरा होता है।इस स्थान को लेकर लोगों की काफी मान्यताएं हैं, जो भक्त यहां दर्शन के लिए आते हैं उनकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। इसके साथ ही उन्हें प्रभु श्रीराम की कृपा प्राप्त होती है।
चित्रकूट से जुड़े रोचक तथ्य
चित्रकूट दो शब्दों चित्र और कूट से मिलकर बना है। इसका अर्थ है शिखर या चोटी। चित्रकूट नगरी का सनातन धर्म में एक विशेष स्थान है। यह सभी राम भक्तों के दिल के करीब है, क्योंकि राम जी ने वनवास काल के कुछ वर्ष यहां भी बिताएं थे। इसे संतो की नगरी भी कहा जाता है।इसके अलावा यह चार धाम की तीर्थ यात्रा का अहम पड़ाव माना जाता है। कहते हैं कि इस चमत्कारी स्थान पर यात्रा किए बिना कोई भी तीर्थ यात्रा कभी पूरी नहीं होती है।यह भी पढ़ें: Ashadha Purnima 2024: आषाढ़ पूर्णिमा के दिन करें चंद्र दोष दूर करने के उपाय, नोट करें पूजन सामग्री
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