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Guru Margi 2022: कुंडली में गुरु ग्रह शुभ स्थिति में है या अशुभ, इस तरह करें पहचान और करें ये उपाय

Guru Margi 2022 ज्योतिष शास्त्र में गुरु ग्रह हो महत्वपूर्ण ग्रहों में गिना जाता है। बता दें कि कुछ ही समय बाद गुरु मार्गी करने जा रहे हैं। जिसका प्रभाव सभी राशियों पर पड़ेगा। लेकिन जिन राशियों पर गुरु ग्रह का अशुभ प्रभाव पड़ेगा उन्हें कुछ उपाय जरूर करने चाहिए।

By Shantanoo MishraEdited By: Updated: Tue, 22 Nov 2022 03:37 PM (IST)
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Guru Margi 2022: कुंडली में गुरु ग्रह शुभ है या अशुभ ऐसे पहचानें।
नई दिल्ली, डिजिटल डेस्क | Guru Margi 2022, Guru Grah ke Upay: हिन्दू पंचांग के अनुसार 24 नवम्बर 2022 को सुबह 4:36 बजे गुरु ग्रह मीन राशि में मार्गी होंगे। वह वक्री अवस्था से मार्गी में जाने वाले हैं। ऐसे में गुरु मार्गी का प्रभाव सभी राशि के जातकों पर पड़ेगा। बता दें कि गुरु ग्रह के कारण जीवन पर सकारात्मक प्रभाव भी पड़ता है और अशुभ स्थान पर विराजमान होने के कारण समस्याओं का भी सामना करना पड़ता है। यदि गुरु ग्रह कुंडली में कमजोर या अशुभ होते हैं तो व्यक्ति को आय, शिक्षा और नौकरी के क्षेत्र में कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है। आइए जानते हैं किस तरह पहचानें कि गुरु ग्रह जातक की कुंडली में शुभ स्थिति में हैं या अशुभ? साथ ही जानिए क्या हैं उन्हें मजबूत करने के उपाय?

क्या गुरु कमजोर स्तिथि में हैं? इस तरह करें पता (Guru Grah Shubh or Ashubh in Kundali)

ज्योतिष शास्त्र में बताया गया है कि गुरु ग्रह अगर कमजोर स्थिति में होते हैं तो व्यक्ति को कई प्रकार की परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इस स्थिति में उच्च शिक्षा के क्षेत्र में रुकावटें पैदा होती हैं। इसके साथ सही-गलत में भेद करना मुश्किल हो जाता है। पेट से सम्बन्धित परेशानियों का कारण भी इस ग्रह के अशुभ प्रभाव को माना जा सकता है। इसके साथ प्रशासनिक सेवा में परिश्रम के अनुरूप फल की प्राप्ति नहीं होती है और आय के स्रोत में भी कमी आने लगती है। इसके साथ विद्यार्थियों को शिक्षकों का आशीर्वाद नहीं मिलता है। ऐसे में जातक द्वारा कुछ उपाय करने से वह गुरु ग्रह को मजबूत स्थिति में लाया जा सकता है। आइए जानते हैं-

गुरु ग्रह को मजबूत करने के उपाय (Guru Grah Shanti Upay)

ज्योतिष शास्त्र में बताया गया है कि कुंडली में गुरु ग्रह को मजबूत स्थिति में लाने के लिए व्यक्ति को हर मास भगवान सत्य नारायण का उपवास रखना चाहिए। साथ उन्हें संतान गोपाल मंत्र और शतचंडी मंत्र का जाप करना चाहिए। साथ ही जातक बृहस्पति देव को प्रसन्न करने के लिए एकादशी व्रत का पलान कर सकते हैं।

शास्त्रों में यह भी बताया गया है कि गरुड़ पुराण का पाठ करने से भी गुरु ग्रह का आशीर्वाद मिलता है। इसके साथ बृहस्पति देव की कृपा प्राप्त करने के लिए जरूरतमंद लोगों की मदद करें और किसी गरीब घर के बालक को शिक्षा प्राप्त करने में अपना भी योगदान दें। मान्यता यह भी है कि पीपल की पूजा करने से गुरु ग्रह के दुष्प्रभाव खत्म हो जाते हैं।

डिसक्लेमर- इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।