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Guru Nanak Jayanti 2022: गुरु नानक जी के उत्तम विचार, जो बदल देंगे आपका जीवन

Guru Nanak Jayanti 2022 Quotes सिखों के पहले गुरु नानक देव जी की जयंती हर साल कार्तिक पूर्णिमा के दिन मनाई जाती है। इस दिन सिख समुदाय के लोग धूमधाम से प्रकाश पर्व को मनाते हैं। गुरु नानक जयंती के अवसर पर जानिए अनमोल विचार।

By Shivani SinghEdited By: Updated: Tue, 08 Nov 2022 11:25 AM (IST)
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Guru Nanak Jayanti 2022: गुरु नानक जी के उत्तम विचार, जो बदल देंगे आपका जीवन
नई दिल्ली, Guru Nanak Jayanti 2022: आज पूरी दुनिया में गुरू नानक देव जी का प्रकाश पर्व मनाया जा रहा है। उन जैसे पूर्ण गुरु सृष्टि की शुरुआत से ही धरती पर हमारी आत्मा को परमेश्वर से मिलाने के लिए आते रहे हैं। समय-समय पर हम सभी का मार्गदर्शन करते रहे हैं। शिष्यों को परमपिता से मिलन की राह दिखाते रहे हैं। यहां ध्यान दें कि गुरु नानक देव जी सिर्फ सिखों के नहीं थे, वे संपूर्ण मानव जाति के लिए थे, जैसे संपूर्ण मनुष्य जाति उनके लिए थी और कहीं न कहीं उनसे ही थी।

कार्तिक पूर्णिमा के दिन हर साल गुरु नानक जयंती मनाई जाती है। माना जाता है 15 अप्रैल 1469 को रावी नदी के तट पर बसे तलवंडी गांव में गुरु नाक जी का जन्म हुआ था। जिस दिन जन्म हुआ था उस दिन कार्तिक पूर्णिमा थी। गुरु नानक जी के पिता का नाम मेहता कालू और माता का नाम तृप्ता देवी थी। माना जाता है कि गुरु नानक जी ने ही सिख समाज की नींव रखी थी। इसी कारण उन्हें सिख समुदाय के पहले गुरु माना जाता है। इसलिए हर साल इस दिन को गुरु पूरब या प्रकाश पर्व के रूप में मनाया जाता है। गुरु नानक जयंती के पावन अवसर पर जानिए कुछ ऐसे विचारों के बारे में जिनका पालन करके व्यक्ति अपना पूरा जीवन बदल सकता है और सफलता के मार्ग पर चल सकता है।

गुरु नानक जी के विचार (Guru Nanak Ji Inspiring Quotes)

  • ईश्वर एक है और वह सर्वत्र विद्यमान हैं। हमें सबके साथ प्रेम पूर्वक रहना चाहिए।
  • मेहनत और ईमानदारी की कमाई में से जरूरतमंद को भी कुछ देना चाहिए। इससे आने वाले समय में जरूर लाभ मिलता है।
  • लोभ का त्याग कर अपने हाथों से मेहनत कर न्यायोचित तरीकों से धन का अर्जन करना चाहिए। इस तरह का अर्जित किया गया धन कभी बर्बाद नहीं होता है।
  • किसी का भी हक नहीं छिनना चाहिए। दूसरों का हक छिनता है, उसे कभी भी समाज में सम्मान नहीं मिलता है।
  • धन को जेब तक ही सीमित रखना चाहिए। उसे हृदय में स्थान नहीं देना चाहिए। क्योंकि हृदय पर स्थान देने से लालसा और बढ़ जाती है।
  • स्त्री-जाति का आदर करना चाहिए। स्त्री और पुरुष दोनों को ही बराबर मानना चाहिए।
  • ईश्वर की भक्ति करने वालों को किसी का भय नहीं रहता। क्योंकि मानसिक तनाव से मुक्ति मिल जाती है।
  • संसार को जीतने से पहले स्वयं अपने विकारों पर विजय पाना अति आवश्यक है। जब आप खुद के विकारों पर विजय पा लेंगे, तो आपको कोई भी सफलता ही सीढ़ियों से नीचे नहीं गिरा पाएगा।
  • लोगों को प्रेम, एकता, समानता, भाईचारा और आध्यात्मिक ज्योति का संदेश देना चाहिए।
  • अहंकार कभी नहीं करें, बल्कि विनम्र भाव से जीवन गुजारें। अहंकार करने से बड़े बड़े विद्वान भी बर्बाद हो गए।
  • चिंता मुक्त होकर कर्म करते रहना चाहिए। संसार जीतने से पहले अपने विकारों पर विजय पाना जरूरी है।
डिसक्लेमर

इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।