Guru Pradosh Vrat 2024: विवाह में आ रही है बाधा, तो न हो परेशान, प्रदोष व्रत के इन उपाय से जल्द बजेगी शहनाई
पंचांग के अनुसार आषाढ़ माह का दूसरा प्रदोष व्रत 18 जुलाई को है। इस दिन महादेव की पूजा संध्याकाल में करने का विधान है। ज्योतिष शास्त्र में प्रदोष व्रत के उपाय का जिक्र किया गया है। इन उपाय के द्वारा साधक के जीवन में आ रहे सभी दुख-दर्द दूर होते हैं और भगवान शिव प्रसन्न होते हैं। चलिए जानते हैं इन उपाय के बारे में।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Guru Pradosh Vrat 2024 Upay: सनातन धर्म में देवों के देव महादेव का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए प्रदोष व्रत को बेहद शुभ माना गया है। धार्मिक मत है कि त्रियोदशी तिथि पर भगवान और मां पार्वती की पूजा-व्रत करने से जातक की सभी मुरादें पूरी होती हैं और जीवन में खुशियों का आगमन होता है।
प्रदोष व्रत के उपाय
- अगर आपके विवाह में किसी प्रकार की कोई बाधा आ रही है, तो ऐसे में प्रदोष व्रत के दिन 108 बेलपत्र लें और उन पर चंदन से 'श्री राम' लिखकर महादेव को एक-एक करके अर्पित करें। मान्यता है कि ऐसा करने से जातक को मनचाहे वर की प्राप्ति होती है। साथ ही जल्द ही विवाह के लिए योग बनने लगते हैं।
- अगर आप भगवान शिव की कृपा प्राप्त करना चाहते हैं, तो प्रदोष व्रत के दिन महादेव का विधिपूर्वक रुद्राभिषेक करें। साथ ही फल, मिठाई, दूध और दही का भोग लगाएं। इससे शिव जी प्रसन्न होकर जातक की मनोकामनाओं को पूर्ण करते हैं। साथ ही कुंडली में सभी ग्रह शांत होते हैं।
- मान-सम्मान में वृद्धि पाने के लिए लिए प्रदोष व्रत के दिन पूजा के दौरान शिवलिंग पर दही अर्पित करें। साथ ही जीवन में सुख-शांति की प्राप्ति के लिए कामना करें। इस उपाय को करने से बल में वृद्धि होती है और जीवन में स्थिरता आती है।
- अगर आप चंद्र दोष का सामना कर रहे हैं, तो ऐसे में प्रदोष व्रत के दिन व्रत रखें। साथ ही महादेव की पूजा करें और शिवलिंग पर अक्षत अर्पित करें। इससे कुंडली में शुक्र दोष दूर होता है। इसके अलावा गाय के दूध से महादेव का विधिपूर्वक का अभिषेक करने में से चंद्र दोष से छुटकारा मिलता है।
अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।