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Guru Purnima 2023: 02 या 03 जुलाई, किस दिन है गुरु पूर्णिमा पर्व? जानिए सही तिथि और महत्व

Guru Purnima 2023 हिंदू धर्म में गुरु पूजन को बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है। आषाढ़ मास की पूर्णिमा तिथि के दिन गुरु पूर्णिमा पर्व मनाया जाता है। मान्यता है कि इस दिन गुरु पूजन करने से जीवन में सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। कुछ लोगों में गुरु पूर्णिमा की तिथि को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है। ऐसे में आइए जानते हैं कब मनाया जाएगा यह पर्व?

By Shantanoo MishraEdited By: Shantanoo MishraUpdated: Fri, 30 Jun 2023 12:44 PM (IST)
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Guru Purnima 2023: इस वर्ष कब मनाया जाएगा गुरु पूर्णिमा पर्व?
नई दिल्ली, अध्यात्म डेस्क | Guru Purnima 2023 Date and Time: हिंदू धर्म में गुरु पूर्णिमा का विशेष महत्व है। हिंदू पंचांग के अनुसार, आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि के दिन गुरु पूर्णिमा पर्व मनाया जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, गुरु पूर्णिमा पर गुरुजनों का आशीर्वाद प्राप्त करने से जीवन में सुख एवं समृद्धि की प्राप्ति होती है। इसके साथ इस दिन को व्यास पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है। ऐसा इसलिए क्योंकि इसी दिन महर्षि वेदव्यास जी का जन्म हुआ था, जिन्होंने महाकाव्य महाभारत की रचना की थी। लेकिन कुछ लोगों के मन में गुरु पूर्णिमा पर्व की तिथि को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है। आइए जानते हैं, कब मनाया जाएगा गुरु पूर्णिमा 2023 पर्व?

कब मनाया जाएगा गुरु पूर्णिमा पर्व 2023? (Guru Purnima 2023 Kab Hai)

हिंदू पंचांग के अनुसार, आषाढ़ शुक्ल पक्ष के पूर्णिमा तिथि का प्रारंभ 02 जुलाई को रात्रि 08 बजकर 21 मिनट पर होगा और पूर्णिमा तिथि का समापन 03 जुलाई को शाम 05 बजकर 08 मिनट पर हो जाएगा। ऐसे में उदया तिथि के अनुसार, गुरु पूर्णिमा पर्व 03 जुलाई 2023, सोमवार के दिन हर्षोल्लास के साथ मनाया जाएगा। बता दे किस दिन ब्रह्म योग और इंद्र योग का निर्माण हो रहा है, जिसे ज्योतिषशास्त्र में बहुत ही शुभ माना जाता है।

हिंदू धर्म के साथ-साथ इन धर्मों में भी है गुरु पूर्णिमा का विशेष महत्व

सनातन धर्म में जिस तरह आदि गुरु शंकराचार्य, श्री रामानुजाचार्य और श्री माधवाचार्य जी को जगद्गुरु गुरु का स्थान प्राप्त है और गुरु पूर्णिमा के दिन उनका आशीर्वाद लिया जाता है। ठीक उसी प्रकार बौद्ध और जैन धर्म में भी गुरु पूर्णिमा को त्योहार के रूप में मनाया जाता है। इस दिन बौद्ध धर्म के अनुयायी महात्मा गौतम बुद्ध की उपासना करते हैं और जैन धर्म के उपासक महावीर जी को गुरु के रूप में पूजते हैं।

डिसक्लेमर: इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।