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Hanuman Chalisa: जब अकबर ने तुलसीदास जी को कर लिया था गिरफ्तार, तब हुई हनुमान चालीसा की रचना

हनुमान चालीसा का पाठ हिंदू धर्म में सबसे पवित्र पाठ में से एक माना जाता है। ऐसा कहा जाता है कि इसके पाठ से व्यक्ति के सभी कष्टों का अंत होता है। साथ ही जीवन में शुभता आती है। वहीं इसकी रचना (Hanuman Chalisa Origin) को लेकर कई कहानियां प्रचलित हैं जिसमें से एक का जिक्र आज हम करेंगे तो आइए जानते हैं।

By Vaishnavi Dwivedi Edited By: Vaishnavi Dwivedi Updated: Sat, 28 Sep 2024 01:19 PM (IST)
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Hanuman Chalisa : 40वें दिन हुआ चमत्कार।

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। हनुमान चालीसा को लेकर कई कहानियां प्रचलित हैं, जिनमें से एक में बताया है कि एक समय की बात है, जब भगवान राम के प्रति अपनी भक्ति के लिए प्रसिद्ध तुलसीदास जी (Tulsidas Ji) को अकबर ने अपनी सभा में बुलाया था। तब तुलसीदास जी ने अकबर के सामने झुकने से इनकार कर दिया और जिससे अकबर ने क्रोधित होकर उन्हें फतेहपुर सीकरी किले की जेल में डाल दिया था। यह वही समय था जब तुलसीदास जी ने हनुमान चालीसा लिखी थी।

ऐसा माना जाता है कि वह 40 दिनों तक जेल में रहे और एक-एक दिन में उन्होंने चालीसा की एक-एक पंक्ति लिखी। साथ ही उन्होंने 40 दिनों तक भजन का जाप भी किया। हालांकि इसके चमत्कार का असर 40वें दिन देखने को मिला।

40वें दिन हुआ चमत्कार (Hanuman Chalisa History)

ऐसा कहा जाता है कि 40वें दिन, जब हनुमान चालीसा पूरी हुई, तब बंदरों की एक सेना ने दरबार और शहर पर हमला कर दिया और उत्पात मचाने लगे। उत्पात मचाने वाले बंदर रुक नहीं रहे थे और कोई भी मदद करता नजर नहीं आ रहा था। तब अकबर को किसी ने यह बताया कि यह तुलसीदास जी की प्रार्थनाओं के चलते हुआ है। इसके बाद अकबर (Akhbar) तुलसीदास जी के पास गया और अपनी गलती के लिए क्षमा मांगी। इसके पश्चात सभी बंदर वहां से चले गए।

अद्भुत है शक्ति

आपको बता दें, हनुमान चालीसा (Hanuman Chalisa Origin) के हर एक छंद में अद्भुत शक्ति विराजमान हैं, जिनके जाप और पाठ से जीवन का हर संकट दूर हो जाता है। ऐसा कहा जाता है कि इसका पाठ करने वालों पर हनुमान जी की पूर्ण कृपा होती है, ठीक उसी तरह जैसे इसके रचयिता तुलसीदास जी पर हुई थी।

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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।