Hanuman Janmotsav 2024: हनुमान जन्मोत्सव पर करें बजरंबली के 108 नामों का मंत्र जप, दूर होंगे सभी दुख और संताप
Hanuman Janmotsav 2024 सनातन शास्त्रों में चैत्र पूर्णिमा तिथि के महत्व के बारे में विस्तार से बताया गया है। इस तिथि पर ही त्रेता युग में मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम के परम भक्त हनुमान जी का जन्म हुआ था। अतः हर वर्ष चैत्र पूर्णिमा तिथि पर हनुमान जन्मोत्सव मनाया जाता है। इस दिन हनुमान जी की विशेष पूजा-उपासना की जाती है।
By Pravin KumarEdited By: Pravin KumarUpdated: Mon, 22 Apr 2024 05:55 PM (IST)
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Hanuman Janmotsav 2024: सनातन पंचांग के अनुसार, 23 अप्रैल को हनुमान जन्मोत्सव है। इस दिन चैत्र पूर्णिमा भी है। शास्त्रों में चैत्र पूर्णिमा तिथि के महत्व के बारे में विस्तार से बताया गया है। इस तिथि पर ही त्रेता युग में मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम के परम भक्त हनुमान जी का जन्म हुआ था। अतः हर वर्ष चैत्र पूर्णिमा तिथि पर हनुमान जन्मोत्सव मनाया जाता है। इस दिन हनुमान जी की विशेष पूजा-उपासना की जाती है। बल, बुद्धि और शक्ति प्रदाता हनुमान जी के शरणागत रहने वाले साधकों को सभी प्रकार के सांसारिक दुखों से मुक्ति मिलती है। साथ ही जीवन में मंगल का आगमन होता है। अगर आप भी हनुमान जी की कृपा पाना चाहते हैं, तो चैत्र पूर्णिमा के दिन विधि-विधान से हनुमान जी की पूजा करें। साथ ही पूजा के समय हनुमान जी के 108 नामों का मंत्र जप करें। आइए जानते हैं-
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हनुमान जी के 108 नाम
- ॐ अक्षघ्नाय नमः
- ॐ रामदूताय नमः
- ॐ शाकिनीजीवहारकाय नमः
- ॐ बुबुकारहतारातये नमः
- ॐ गर्वपर्वतप्रमर्दनाय नमः
- ॐ हेतवे नमः
- ॐ अहेतवे नमः
- ॐ प्रांशवे नमः
- ॐ विश्वभर्त्रे नमः
- ॐ जगद्गुरवे नमः
- ॐ जगन्नेत्रे नमः
- ॐ जगन्नाथाय नमः
- ॐ जगदीशाय नमः
- ॐ जनेश्वराय नमः
- ॐ जगद्धिताय नमः
- ॐ हरये नमः
- ॐ श्रीशाय नमः
- ॐ गरुडस्मयभञ्जनाय नमः
- ॐ पार्थध्वजाय नमः
- ॐ वायुपुत्राय नमः
- ॐ अमितपुच्छाय नमः
- ॐ अमितविक्रमाय नमः
- ॐ ब्रह्मपुच्छाय नमः
- ॐ परब्रह्मपुच्छाय नमः
- ॐ रामेष्टकारकाय नमः
- ॐ सुग्रीवादियुताय नमः
- ॐ ज्ञानिने नमः
- ॐ वानराय नमः
- ॐ वानरेश्वराय नमः
- ॐ कल्पस्थायिने नमः
- ॐ चिरञ्जीविने नमः
- ॐ तपनाय नमः
- ॐ सदाशिवाय नमः
- ॐ सन्नतये नमः
- ॐ सद्गतये नमः
- ॐ भुक्तिमुक्तिदाय नमः
- ॐ कीर्तिदायकाय नमः
- ॐ कीर्तये नमः
- ॐ कीर्तिप्रदाय नमः
- ॐ समुद्राय नमः
- ॐ श्रीप्रदाय नमः
- ॐ शिवाय नमः
- ॐ भक्तोदयाय नमः
- ॐ भक्तगम्याय नमः
- ॐ भक्तभाग्यप्रदायकाय नमः
- ॐ उदधिक्रमणाय नमः
- ॐ देवाय नमः
- ॐ संसारभयनाशनाय नमः
- ॐ वार्धिबन्धनकृते नमः
- ॐ विश्वजेत्रे नमः
- ॐ विश्वप्रतिष्ठिताय नमः
- ॐ लङ्कारये नमः
- ॐ कालपुरुषाय नमः
- ॐ लङ्केशगृहभञ्जनाय नमः
- ॐ भूतावासाय नमः
- ॐ वासुदेवाय नमः
- ॐ वसवे नमः
- ॐ त्रिभुवनेश्वराय नमः
- ॐ श्रीरामरूपाय नमः
- ॐ कृष्णाय नमः
- ॐ लङ्काप्रासादभञ्जकाय नमः
- ॐ कृष्णाय नमः
- ॐ कृष्णस्तुताय नमः
- ॐ शान्ताय नमः
- ॐ शान्तिदाय नमः
- ॐ विश्वपावनाय नमः
- ॐ विश्वभोक्त्रे नमः
- ॐ मारघ्नाय नमः
- ॐ ब्रह्मचारिणे नमः
- ॐ जितेन्द्रियाय नमः
- ॐ ऊर्ध्वगाय नमः
- ॐ लाङ्गुलिने नमः
- ॐ मालिने नमः
- ॐ लाङ्गूलाहतराक्षसाय नमः
- ॐ समीरतनुजाय नमः
- ॐ वीराय नमः
- ॐ वीरताराय नमः
- ॐ जयप्रदाय नमः
- ॐ जगन्मङ्गलदाय नमः
- ॐ पुण्याय नमः
- ॐ पुण्यश्रवणकीर्तनाय नमः
- ॐ पुण्यकीर्तये नमः
- ॐ पुण्यगतये नमः
- ॐ जगत्पावनापावनाय नमः
- ॐ देवेशाय नमः
- ॐ जितमाराय नमः
- ॐ रामभक्तिविधायकाय नमः
- ॐ ध्यात्रे नमः
- ॐ ध्येयाय नमः
- ॐ लयाय नमः
- ॐ साक्षिणे नमः
- ॐ चेतसे नमः
- ॐ चैतन्यविग्रहाय नमः
- ॐ ज्ञानदाय नमः
- ॐ प्राणदाय नमः
- ॐ प्राणाय नमः
- ॐ जगत्प्राणाय नमः
- ॐ समीरणाय नमः
- ॐ विभीषणप्रियाय नमः
- ॐ शूराय नमः
- ॐ पिप्पलाश्रयसिद्धिदाय नमः
- ॐ सिद्धाय नमः
- ॐ सिद्धाश्रयाय नमः
- ॐ कालाय नमः
- ॐ महोक्षाय नमः
- ॐ कालाजान्तकाय नमः
- ॐ लङ्केशनिधनाय नमः
- ॐ स्थायिने नमः
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