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Hanuman Jayanti 2024 Date: अप्रैल में कब है हनुमान जयंती? जानें शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार भगवान हनुमान जी को भगवान भोलेनाथ के 11वें अवतार हैं और इन्हें कलयुग का देवता भी माना जाता है। हर साल चैत्र माह की पूर्णिमा को भगवान हनुमान जी का जन्मोत्सव (Hanuman Jayanti 2024) बेहद उत्साह के साथ मनाया जाता है। इस खास अवसर पर भगवान हनुमान जी की विशेष पूजा-अर्चना और व्रत किया जाता है।

By Kaushik Sharma Edited By: Kaushik Sharma Updated: Wed, 27 Mar 2024 05:13 PM (IST)
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Hanuman Jayanti 2024 Date: अप्रैल में कब है हनुमान जयंती? जानें शुभ मुहूर्त और पूजा विधि
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Hanuman Jayanti 2024 Date: देशभर में हर साल चैत्र माह की पूर्णिमा को भगवान हनुमान जी का जन्मोत्सव बेहद उत्साह के साथ मनाया जाता है। इस बार हनुमान जयंती 23 अप्रैल को मनाई जाएगी। इस खास अवसर पर भगवान हनुमान जी की विशेष पूजा-अर्चना और व्रत किया जाता है। मान्यता है कि ऐसा करने से बजरंगबली प्रसन्न होते हैं और साधक के सभी संकट दूर होते हैं। ऐसे में आइए जानते हैं हनुमान जयंती का शुभ मुहूर्त और पूजा विधि के बारे में।

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हनुमान जयंती 2024 शुभ मुहूर्त (Hanuman Jayanti 2024 Shubh Muhurat)

हिंदू पंचांग के अनुसार चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि की शुरुआत 23 अप्रैल 2024 को सुबह 03 बजकर 25 मिनट पर होगी और इस तिथि का समापन 24 अप्रैल 2024 को सुबह 05 बजकर 18 मिनट पर होगा। ऐसे में हनुमान जयंती 23 अप्रैल को मनाई जाएगी। इस दिन आप हनुमान जी की पूजा-अर्चना सुबह 03 बजकर 25 मिनट से सुबह 05 बजकर 18 मिनट तक कर सकते हैं।

हनुमान जयंती पूजा विधि (Hanuman Jayanti Puja Vidhi)

  • इस दिन सुबह जल्दी उठें और स्नान कर सूर्य देव को जल अर्पित करें।
  • मंदिर की सफाई कर बंजरगबली की मूर्ति विराजमान करें।
  • अब उन्हें पुष्प, लाल चोला, लाल सिंदूर और अगरबत्ती आदि चीजें अर्पित करें।
  • देशी घी का दीपक जलाकर हनुमान जी की आरती करें।
  • इसके बाद सच्चे मन से हनुमान चालीसा या सुंदरकांड का पाठ करें।
  • पूजा के दौरान हनुमान जी के मंत्रों का जाप करना भी फलदायी होता है।
  • भगवान हनुमान जी को लड्डू, जलेबी, फल और मिठाई समेत आदि चीजों का भोग लगाएं।
  • अंत में लोगों में प्रसाद का वितरण करें और खुद भी ग्रहण करें।
हनुमान मंत्र (Hanuman Mantra)

1. ॐ नमो हनुमते रुद्रावताराय सर्वशत्रुसंहारणाय सर्वरोग हराय सर्ववशीकरणाय रामदूताय स्वाहा!

2. ऊँ नमो हनुमते रुद्रावताराय विश्वरूपाय अमितविक्रमाय

प्रकट-पराक्रमाय महाबलाय सूर्यकोटिसमप्रभाय रामदूताय स्वाहा।

3. मनोजवं मारुततुल्यवेगं, जितेन्द्रियं बुद्धिमतां वरिष्ठम्।

वातात्मजं वानरयूथमुख्यं, श्रीरामदूतं शरणं प्रपद्ये॥

4. मन्त्रहीनं क्रियाहीनं भक्तिहीनं कपीश्वर |

यत्पूजितं मया देव! परिपूर्ण तदस्तु मे ||

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डिसक्लेमर: इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहे।