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Hanuman Puja 2024: दिवाली से पहले कब है हनुमान पूजा? नोट करें शुभ मुहूर्त एवं महत्व

सनातन शास्त्रों में वर्णित है कि रावण को युद्ध में परास्त करने के बाद मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम अयोध्या लौटे। भगवान श्रीराम के लौटने की खुशी पर अयोध्या में दीप जलाकर लोगों ने दिवाली मनाई थी। इस दिन भगवान श्रीराम ने अपने परम भक्त हनुमान जी को यह वरदान दिया कि उनकी पूजा पहले की जाएगी। इसके लिए दिवाली से एक दिन पूर्व हनुमान जी की पूजा की जाती है।

By Pravin KumarEdited By: Pravin KumarUpdated: Fri, 18 Oct 2024 11:00 AM (IST)
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Hanuman Puja 2024: हनुमान पूजा को कैसे प्रसन्न करें?
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। हर वर्ष कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को हनुमान पूजा की जाती है। इस दिन मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम के परम भक्त हनुमान जी की पूजा की जाती है। साथ ही मनोवांछित फल की प्राप्ति के लिए व्रत भी रखा जाता है। धार्मिक मान्यता है कि राम भक्त हनुमान जी की पूजा करने से व्यक्ति को सभी प्रकार के कष्टों से मुक्ति मिलती है। साथ ही बल और बुद्धि की प्राप्ति होती है। इस शुभ अवसर पर राम भक्त हनुमान जी की श्रद्धा भाव से पूजा की जाती है। आइए, शुभ मुहूर्त और योग जानते हैं।

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शुभ मुहूर्त

वैदिक पंचांग के अनुसार, कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि 30 अक्टूबर को दोपहर 1 बजकर 15 मिनट पर शुरू होगी और 31 अक्टूबर को दोपहर 3 बजकर 52 मिनट पर समाप्त होगी। इस प्रकार 30 अक्टूबर को हनुमान जी की पूजा की जाएगी। इस शुभ तिथि पर पूजा का शुभ मुहूर्त देर रात 11 बजकर 39 मिनट से लेकर 12 बजकर 31 मिनट तक है। साधक अपनी सुविधा के अनुसार हनुमान जी की पूजा-आरती कर सकते हैं।

शुभ योग

ज्योतिषियों की मानें तो हनुमान पूजा के शुभ अवसर पर भद्रावास का दुर्लभ संयोग बन रहा है। इस समय में भद्रा पाताल लोक में रहेंगी। भद्रा के पाताल लोक में रहने के दौरान पृथ्वी पर उपस्थित समस्त प्राणियों का कल्याण होता है। हनुमान पूजा के दिन दोपहर 1 बजकर 15 मिनट से लेकर रात्रि के 2 बजकर 35 मिनट तक भद्रावास संयोग है। इस दौरान हनुमान जी की पूजा करने से साधक को पृथ्वी लोक पर सभी प्रकार के सुखों की प्राप्ति होती है। साथ ही जीवन में खुशियों का आगमन होगा।

पंचांग

सूर्योदय - सुबह 06 बजकर 32 मिनट पर

सूर्यास्त - शाम 05 बजकर 37 मिनट पर

चन्द्रोदय- शाम 05 बजकर 20 मिनट पर (31 अक्टूबर)

चंद्रास्त- सुबह 04 बजकर 23 मिनट पर

ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 04 बजकर 49 मिनट से 05 बजकर 40 मिनट तक

विजय मुहूर्त - दोपहर 01 बजकर 55 मिनट से 02 बजकर 40 मिनट तक

गोधूलि मुहूर्त - शाम 05 बजकर 37 मिनट से 06 बजकर 03 मिनट तक

निशिता मुहूर्त - रात्रि 11 बजकर 39 मिनट से 12 बजकर 31 मिनट तक

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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।