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Hanuman ji Puja: हनुमान जी से उलझना शनिदेव को पड़ा था महंगा, इस तरह टूटा था घमंड

माना जाता है कि यदि किसी व्यक्ति पर शनि की महादशा चल रही हो तो उसके लिए हनुमान जी की पूजा करनी चाहिए। लेकिन क्या आप इसका कारण जानते हैं। इसके पीछे एक पौराणिक कथा मिलती है जिसमें यह वर्णन मिलता है कि क्यों हनुमान जी की आराधना से शनि की महादशा से राहत मिल सकती है। चलिए जानते हैं उसके विषय में।

By Suman Saini Edited By: Suman Saini Updated: Tue, 13 Aug 2024 02:05 PM (IST)
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Shani dev and Hanuman Katha हनुमान जी ने इस तरह तोड़ा शनि देव का घमंड

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। हिंदू मान्यताओं के अनुसार, हनुमान जी को कलयुग का देवता माना गया है। हिंदू धर्म में हनुमान जी सबसे अधिक पूजनीय देवताओं में से एक हैं। उनकी पूजा से जीवन के सभी दुख-दर्द दूर हो जाते हैं। साथ ही यह भी माना जाता है कि हनुमान जी पूजा करने से शनि के प्रकोप से बचा जा सकता है।

शनि देव ने डाली कुदृष्टि

पौराणिक कथा के अनुसार, शनि देव को अपनी शक्तियों पर घमंड था, क्योंकि वह अपनी वक्र दृष्टि से किसी का भी अहित कर सकते थे। एक बार जब हनुमान जी जंगल में बैठकर राम जी की भक्ति कर रहे थे, उसी समय वहां से शनि देव गुजर रहे थे। उनकी दृष्टि हनुमान जी पर पड़ी और उन्होंने बजरंगबली पर वक्र दृष्टि डालने का सोचा। लेकिन इसका हनुमान जी पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा। इसपर शनि देव क्रोधित हो उठे और उन्होंने इससे हनुमान जी को ललकारा, लेकिन इसका भी हनुमान जी पर कोई असर नहीं हुआ और वह पहले की तरह अपनी तपस्या में लीन रहे। बात को अनसुनी करने पर शनि देव का क्रोध और भी बढ़ गया।

हनुमान जी ने एक झटके में छुड़ाई भुजा

इस पर शनि देव ने कहा अब मैं तुम्हारी राशि में प्रवेश करने जा रहा हूं। तब हनुमान जी ने शनिदेव से कहा कि आप कहीं और जाएं व प्रभु श्री राम की भक्ति करने दें। इसपर शनि देव ने हनुमान जी की एक भुजा पकड़ ली और अपनी तरफ खींचने का प्रयास करने लगे। लेकिन हनुमान जी ने एक ही झटके में शनि देव से अपनी भुजा छुड़ा ली। इसपर शनि देव ने विकराल रूप धारण कर हनुमान जी की दूसरी बांह पकड़ने की कोशिश की।

बढ़ गया हनुमान जी का क्रोध

हनुमान जी, जो अबतक शांत थे, उन्हें क्रोध आ गया और उन्होंने शनि देव को अपनी पूंछ में लपेट लिया। लेकिन इसके बाद भी शनि देव का घमंड कम नहीं हुआ और उन्होंने हनुमान जी से कहा कि तुम्हारे प्रभु श्री राम भी मेरा कुछ नहीं बगाड़ सकते। अपने आराध्य देव के बारे में ऐसी बात सुनने के बाद हनुमान जी का क्रोध और भी प्रबल हो गया। अब उन्होंने अपनी पूंछ में लिपटे शनि देव को इधर-उधर पटकना शुरू किया, जिससे शनि देव बुरी तरह घायल हो गए।

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शनि देव ने मांगी क्षमा

जब शनि देव को यह अहसास हुआ कि यह कोई साधारण वानर नहीं है, तो उन्होंने सभी देवताओं से मदद की गुहार लगाई। लेकिन कोई भी उनका सहायता करने में असमर्थ था। तब शनि देव को अपनी गलत का अहसास हुआ और उन्होंने हनुमान जी से क्षमायाचना की और कहा कि मैं आपकी छाया से भी दूर रहूंगा। तब हनुमान जी ने शनि देव से यह वचन मांगा कि आप मेरे भक्तों को भी कभी परेशान नहीं करेंगे। तभी से यह माना जाता है कि बजरंगबली की भक्ति करने वाले साधकों को शनि दोष के प्रभावों में कई हद तक राहत मिलती है।

अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।