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Hanuman ji: कलयुग में कहां निवास करते हैं हनुमान जी? महाभारत में भी मिलता है वर्णन

हिंदू शास्त्रों में हनुमान जी को कलयुग का देवता बताया गया है। पौराणिक ग्रथों के अनुसार हनुमान जी को मां सीता से अमरता का वरदान प्राप्त हुआ था। कई धार्मिक ग्रंथों और पुराणों में इस बात का वर्णन मिलता है कि कलयुग में हनुमान जी कहां निवास करेंगे। दरअसल हनुमान जी के निवास स्थान को लेकर अलग-अलग मान्यताएं प्रचलित हैं।

By Suman Saini Edited By: Suman Saini Updated: Sat, 11 May 2024 04:37 PM (IST)
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Hanuman ji कलयुग में कहां निवास करते हैं हनुमान जी?

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Lord Hanuman: बजरंगबली रामायण के प्रमुख पात्रों में से एक हैं। साथ ही वह आठ चिरंजीवियों में भी शामिल हैं। ऐसा माना जाता है कि रामायण के बाद श्री राम समेत अन्य सभी पृथ्वीलोक से प्रस्थान कर गए थे, लेकिन हनुमान जी को कलयुग की रक्षा का भार सौंपा गया, जिस कारण वह पृथ्वी पर ही रहे। इसलिए उन्हें कलयुग का जागृत देवता भी कहा जाता है। तो चलिए जानते हैं कि कलयुग में हनुमान जी कहां वास करते हैं।

महाभारत में मिलता है वर्णन

श्रीमद् भागवत में मिलता है कि कलयुग में हनुमान जी गंधमादन पर्वत पर निवास करते हैं। यह पर्वत कैलाश के उत्तर में स्थित है। महाभारत के अनुसार, अज्ञातवास के दौरान भीम सहस्त्रदल लेने के लिए गंधमादन पर्वत पर पहुंचे थे, तब हनुमान जी ने उनका रास्ता रोका था। इसलिए महाभारत के अनुसार गंधमादन पर्वत पर ही हनुमान जी का निवास है। साथ ही यह भी माना जाता है कि किसी साधारण व्यक्ति का इस पर्वत नहीं पहुंच सकता।

यहां भी माना जाता है हनुमान जी वास

किष्किंधा अंजनी पर्वत का उल्लेख रामायण में मिलता है। माना जाता है कि माता अंजनी ने इसी पर्वत पर संतान की प्राप्ति हेतु तपस्या की थी और उन्हें पुत्र के रूप में हनुमान जी की प्राप्ति हुई थी। साथ ही यह भी माना जाता है कि भगवान राम और हनुमान जी की मुलाकात भी इसी पर्वत पर हुई थी। इसलिए कई मान्यताओं के अनुसार आज भी हनुमान जी निवास करते हैं।

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क्या है मान्यता

हनुमान जी की कृपा से ही तुलसीदास जी को भगवान राम और लक्ष्मण जी के दर्शन प्राप्त हुए थे। पौराणिक ग्रंथों में ऐसा माना गया है कि कलयुग में जहां-जहां प्रभु श्री राम की कथा होगी, हनुमान जी भी वहीं वास करेंगे।

अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।