Neha Dhupia Birthday: राजनीति में सफलता प्राप्त कर सकती हैं नेहा धूपिया, जानें क्या कहते हैं इनके सितारे
Neha Dhupia Birthday हिंदी फिल्मों की जानी-मानी अभिनेत्री नेहा धूपिया का आज 40वां जन्मदिन है। इनका जन्म 27 अगस्त 1980 को केरल के कोचीन में हुआ था।
By Shilpa SrivastavaEdited By: Updated: Thu, 27 Aug 2020 09:53 AM (IST)
Neha Dhupia Birthday: हिंदी फिल्मों की जानी-मानी अभिनेत्री नेहा धूपिया का आज 40वां जन्मदिन है। इनका जन्म 27 अगस्त 1980 को केरल के कोचीन में हुआ था। नेहा ने वर्ष 2002 की फेमिना मिस इंडिया का ताज अपने नाम किया था। इनके पिता का नाम प्रदीप सिंह और माता का नाम मंपिन्दर है। ज्योतिष के अनुसार, इनका जन्म लग्न कुंभ और राशि मीन है। तो चलिए जानते हैं कि नेहा धूपिया की कुंडली इनके बारे में क्या कहती है। लेकिन उससे पहले हम उन सभी लोगों को जन्मदिन की शुभकामनाएं देते हैं जो नेहा धूपिया के साथ 27 अगस्त को अपना जन्मदिन मना रहे हैं।
ज्योतिषाचार्य पं. दयानंद शास्त्री के अनुसार, इनका जन्म लग्न कुंभ और राशि मीन है। इनका जन्म पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र के चतुर्थ चरण में हुआ था। इनकी लग्न कुंडली में कला के कारक शुक्र का मिथुन यानी बुध की राशि में है। पंचम भाव यानी मनोरंजन का स्वामी स्वराशिस्थ सूर्य व एकादशेश का स्वामी गुरु युक्त होने से फिल्में मिलती रहेंगी। बतौर हिरोईन इनके लिए सफलता के अवसर नहीं हैं लेकिन सहयोगी कलाकार के तौर पर नेहा सफल रह सकती हैं। वैसे लग्नेश की दृष्टि कला के कारक शुक्र पर पड़ रही है। वहीं, राशि लग्न से अष्टमेश है जो कलाभाव को कमजोर करती है।
नेहा धूपिया की संभावित कुंडलीगुरु चन्द्र का गजकेसरी योग है जिसके चलते नेहा धूपिया को राजनीति के क्षेत्र में सफलता प्राप्त हो सकती है। सूर्य चन्द्र का पूर्णिमा योग भी ठीक है। धन भाव में मीन का चन्द्रमा स्थित है। पराक्रम बढ़ा-चढ़ा रहेगा। मंगल शुक्र की राशि तुला में है व चतुर्थ भाव में भी शुक्र की राशि वृषभ है। वृषभ पर मंगल की अष्टम दृष्टि होने से जनता के बीच बोल्ड छवि बनी रहेगी। करियर में प्रभावी और सशक्त भूमिका की कमी रहेगी। कर्क का राहु, छठे भावस्थ हैं।सप्तम में सूर्य, बुध और गुरु, सिंह राशि में स्थित है। अष्टम भाव में कन्या का शनि, उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र में स्थित है। वहीं, मंगल, भाग्य स्थान में, तुला राशिस्थ हैं, अपने ही चित्रा नक्षत्र में। 12वें भाव मकर का केतु स्थित है। वर्तमान में केतु की विंशोत्तरी महादशा चल रही है जो मार्च 2020 से मार्च 2027 तक चलेगी। इसके अलावा शुक्र की अंतर्दशा अक्टूबर 2021 तक रहेगी।
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