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Hariyali Amavasya 2024: हरियाली अमावस्या के दिन इस नियम से करें पूजा, नोट करें स्नान-दान का शुभ मुहूर्त

हरियाली अमावस्या हिंदू धर्म में बहुत महत्वपूर्ण मानी जाती है। इस दिन लोग भगवान शिव के साथ माता-पार्वती की पूजा करते हैं। साथ ही गंगा स्नान के लिए भी जाते हैं। कहा जाता है कि यह दिन स्नान और दान के लिए बहुत अच्छा होता है। यह हर साल सावन के महीने में मनाई जाती है। इस साल यह 4 अगस्त को मनाई जाएगी।

By Vaishnavi Dwivedi Edited By: Vaishnavi Dwivedi Updated: Thu, 25 Jul 2024 11:59 AM (IST)
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Hariyali Amavasya 2024:स्नान-दान का शुभ मुहूर्त -
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। हरियाली अमावस्या का दिन अपने आप में बेहद विशेष होता है। यह हर साल श्रावण मास के पवित्र महीने में मनाई जाती है। हिंदू धर्म में इसे अत्यंत श्रद्धा और उत्साह के साथ मनाया जाता है, यह मानसून के मौसम के आगमन और प्रकृति के उत्कर्ष का भी प्रतीक है। हिंदू पंचांग के अनुसार, इस बार अमावस्या (Hariyali Amavasya 2024) 4 अगस्त, 2024 को मनाई जाएगी, तो आइए इस दिन किए जाने वाले स्नान और दान का शुभ मुहूर्त जानते हैं, जो इस प्रकार है -

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स्नान-दान का शुभ मुहूर्त

हिंदू पंचांग के अनुसार, हरियाली अमावस्या के दिन अभीजीत मुहूर्त दोपहर 12 बजे से 12 बजकर 54 मिनट तक रहेगा। इस दौरान आप पूजा-पाठ से जुड़े कोई भी कार्य कर सकते हैं। वहीं, इस तिथि का स्नान-दान का शुभ मुहूर्त प्रात: 5 बजकर 44 मिनट से दोपहर 1 बजकर 26 मिनट तक रहेगा।

हरियाली अमावस्या पूजा नियम

पूजा अनुष्ठान शुरू करने से पहले सुबह जल्दी उठें और स्नान करें। भगवान शिव और देवी पार्वती की प्रतिमा स्थापित करें और उनकी विधि अनुसार पूजा करें। शिव-पार्वती का अभिषेक करें। उन्हें कुमकुम और सफेद चंदन का तिलक लगाएं। मिठाई और ऋतु फल का भोग लगाएं। आरती से पूजा को पूर्ण करें। शिव मंदिरों में जाएं और भगवान शिव का आशीर्वाद लें।

इस दिन राधा-कृष्ण जी की पूजा का भी विधान है। ब्राह्मणों और जरूरतमंद लोगों को घर पर तैयार विशेष भोजन कराएं। इस दिन गंगा स्नान का विशेष महत्व है।

शिव नमस्कार मंत्र

शम्भवाय च मयोभवाय च नमः शंकराय च मयस्कराय च नमः शिवाय च शिवतराय च।।

ईशानः सर्वविध्यानामीश्वरः सर्वभूतानां ब्रम्हाधिपतिमहिर्बम्हणोधपतिर्बम्हा शिवो मे अस्तु सदाशिवोम।।

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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इसले फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।