Hariyali Amavasya 2024: हरियाली अमावस्या पर घर में लगाएं ये पौधे, जीवन में होगा सुख और समृद्धि का आगमन
हरियाली अमावस्या को हिंदू धर्म में बेहद विशेष माना गया है। इस दिन भगवान शिव के साथ माता-पार्वती की पूजा होती है। इसके साथ ही यह दिन गंगा स्नान दान-पुण्य और पितरों का तर्पण के लिए भी बहुत अच्छा माना गया है। ऐसा माना जाता है कि यह दिन स्नान और दान के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है। यह हर साल सावन के महीने में मनाई जाती है।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। अमावस्या का अत्यधिक धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व है। यह तिथि धार्मिक विधियों के लिए बहुत महत्वपूर्ण मानी जाती है। ऐसी मान्यता है कि इस अवधि में पितरों की पूजा के अलावा भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा का विधान है, क्योंकि यह सावन माह में आती है। इस बार अमावस्या 4 अगस्त यानी आज पड़ रही है। वहीं, ज्योतिष शास्त्र में इस दिन (Hariyali Amavasya 2024) घर में कुछ पौधों को लगाने की सलाह दी गई है, जिसके कई सारे लाभ भी बताए गए हैं, तो आइए जानते हैं -
तुलसी
तुलसी के पौधे को हिंदू धर्म में सबसे पवित्र माना जाता है। इससे घर में समृद्धि और सौभाग्य का आगमन होता है। हरियाली अमावस्या के दिन इस शुभ पौधे को अपने घर में लाकर, आप सफलता को आमंत्रित कर सकते हैं। साथ ही अपने घर में सकारात्मक ऊर्जा जमा कर सकते हैं। इस पौधे के घर में होने से मन, शरीर और आत्मा शुद्ध होती है।बेल
बेल वृक्ष, जिसे भगवान शिव के पवित्र प्रतीक के रूप में जाना जाता है। हरियाली अमावस्या के दिन, बेल के वृक्ष को अपने घर या आस-पास लगाने से प्रचुर सौभाग्य और समृद्धि की प्राप्ति होती है। ऐसा माना जाता है कि इसकी पवित्र उपस्थिति भगवान शिव के दिव्य आशीर्वाद का आह्वान करती है। साथ ही इससे जीवन में सफलता, धन और खुशी का आगमन होता है।
शमी
हिंदू धर्म में शमी के पौधे को अत्यंत पूजनीय और पवित्र माना गया है। ऐसा माना जाता है कि इस वृक्ष में अच्छे भाग्य और समृद्धि को आकर्षित करने की शक्ति होती है, जिसके चलते लोग इसे अपने घरों में लगाते हैं। इस पवित्र दिन पर इस पेड़ को लगाने से जीवन में सफलता, धन और खुशी आदि चीजों का आगमन होता है।यह भी पढ़ें: Hariyali Amavasya 2024: हरियाली अमावस्या पर इस विधि से करें पूजा, नोट करें शुभ योग और पूजन सामग्रीअस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।