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Hariyali amavasya 2024: दशकों बाद हरियाली अमावस्या पर शिववास योग समेत बन रहे हैं 5 दुर्लभ संयोग

सनातन धर्म में अमावस्या तिथि का विशेष महत्व है। इस दिन गंगा समेत पवित्र नदियों में स्नान-ध्यान किया जाता है। साथ ही सृष्टि के सृजनकर्ता भगवान शिव की पूजा एवं उपासना की जाती है। इसके अलावा अमावस्या (Hariyali amavasya 2024) तिथि पर पितरों का भी तर्पण किया जाता है। इससे पितृ प्रसन्न होते हैं। उनकी कृपा व्यक्ति पर बरसती है।

By Pravin KumarEdited By: Pravin KumarUpdated: Tue, 30 Jul 2024 07:26 PM (IST)
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Hariyali amavasya 2024: कब मनाई जाएगी हरियाली अमावस्या ?
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Hariyali amavasya 2024: ज्योतिषीय गणना के अनुसार, 04 अगस्त को हरियाली अमावस्या है। हर महीने में कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि के अगले दिन अमावस्या पड़ती है। हालांकि, सावन महीने में पड़ने वाली अमावस्या तिथि का विशेष महत्व है। इस दिन भगवान शिव की पूजा करने से जातक को पृथ्वी लोक पर ही स्वर्ग समान सुखों की प्राप्ति होती है। साथ ही पितरों को मोक्ष की प्राप्ति होती है। ज्योतिषियों की मानें तो हरियाली अमावस्या पर दुर्लभ शिववास योग समेत कई मंगलकारी योग बन रहे हैं। इन योग में भगवान शिव की पूजा करने से साधक के सकल मनोरथ सिद्ध हो जाएंगे। आइए जानते हैं-

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हरियाली अमावस्या शुभ मुहूर्त

पंचांग के अनुसार, हरियाली अमावस्या या सावन माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि 03 अगस्त को दोपहर 03 बजकर 50 मिनट पर शुरू होगी और अगले दिन 04 अगस्त को शाम 04 बजकर 42 मिनट पर समाप्त होगी। सनातन धर्म में सूर्योदय के बाद से तिथि की गणना की जाती है। अतः 04 अगस्त को हरियाली अमावस्या मनाई जाएगी।

शिववास योग

ज्योतिषियों की मानें तो हरियाली अमावस्या पर दुर्लभ शिववास योग का निर्माण हो रहा है। इस योग का निर्माण सुबह से हो रहा है। भगवान शिव संध्याकाल 04 बजकर 42 मिनट तक जगत की देवी मां गौरी के साथ रहेंगे। इस समय तक पूजा, जप-तप और दान-पुण्य कर सकते हैं।

शुभ योग

हरियाली तीज पर कई मंगलकारी शुभ योग बन रहे हैं। इनमें रवि पुष्य योग दोपहर 01 बजकर 29 मिनट तक है। सर्वार्थ सिद्धि योग दोपहर 01 बजकर 26 मिनट तक है। सिद्धि योग सुबह 10 बजकर 39 मिनट तक है। वहीं, पुष्य नक्षत्र दोपहर 01 बजकर 26 मिनट तक है।

पंचांग

सूर्योदय - सुबह 05 बजकर 59 मिनट पर

सूर्यास्त - शाम 07 बजकर 07 मिनट पर

चंद्रास्त- शाम 07 बजकर 20 मिनट पर

ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 04 बजकर 32 मिनट से 05 बजकर 15 मिनट तक

विजय मुहूर्त - दोपहर 02 बजकर 44 मिनट से 03 बजकर 37 मिनट तक

गोधूलि मुहूर्त - शाम 07 बजकर 07 मिनट से 07 बजकर 29 मिनट तक

निशिता मुहूर्त - रात्रि 12 बजकर 11 मिनट से 12 बजकर 55 मिनट तक

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अस्वीकरण: ''इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है''।