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Hariyali Amavasya 2024: हरियाली अमावस्या पर करें इन मंत्रों का जाप, पितृ दोष का होगा निवारण

ऐसा माना जाता है कि यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में पितृ दोष लग जाए तो उसे जीवन में कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। ऐसे में आप हरियाली अमावस्या पर पितृ दोष निवारण हेतु ये कार्य कर सकते हैं। यह तिथि भगवान शिव के साथ-साथ पितरों को प्रसन्न करने के लिए भी शुभ मानी गई है।

By Suman Saini Edited By: Suman Saini Updated: Fri, 02 Aug 2024 06:24 PM (IST)
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Hariyali Amavasya 2024 पितृ दोष निवारण के लिए करें इन मंत्रों का जाप।

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। हिन्दू धर्म में अमावस्या तिथि को एक महत्वपूर्ण तिथि के रूप में देखा जाता है। वहीं, सावन में आने वाली अमावस्या का महत्व और भी बढ़ जाता है। अमावस्या तिथि को पितृ दोष निवारण के लिए भी बहुत ही उत्तम माना जाता है। ऐसे में आप सावन में आने वाली हरियाली अमावस्या पर पितृ दोष से मुक्ति पाने के लिए इन मंत्रों का जाप कर सकते हैं।

करें ये काम

हरियाली अमावस्या के दिन पीपल का पौधा लगाना बहुत ही शुभ माना जाता है। ऐसा करने से पितृों की आत्मा को शांति मिलती है। साथ ही पितृदोष से भी मुक्ति मिल सकती है। आप पीपल को किसी खुले स्थान या फिर जंगल आदि में भी लगा सकते हैं। इसके साथ ही पितृ दोष से मुक्ति के लिए आप अमावस्या तिथि के दिन काले तिल का दान भी कर सकते हैं।

पितृ दोष निवारण मंत्र

  • ॐ पितृ देवतायै नम:
  • ॐ पितृ गणाय विद्महे जगतधारिणे धीमहि तन्नो पित्रो प्रचोदयात्।
  • ओम सर्व पितृ देवताभ्यो नमः प्रथम पितृ नारायण नमः नमो भगवते वासुदेवाय नमः।

हरियाली अमावस्या पर आप इन मंत्रों का जाप 108 बार कर सकते हैं। इसके साथ ही पितृ दोष से मुक्ति के लिए इन मंत्रों का जाप रोजाना भी किया जा सकता है।

करें इन मंत्रों का जाप

पितृ दोष से मुक्ति के लिए हरियाली अमावस्या पर शिव जी के मंत्रों का जाप करने से भी काफी लाभ मिल सकता है।

  • शिव जी के मंत्र - ॐ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय च धीमहि तन्नो रुद्र: प्रचोदयात
  • महामृत्युंजय मंत्र - ॐ त्र्यम्बकं स्यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्। उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्॥)

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इसके साथ ही आप हरियाली अमावस्या पर 108 बार गायत्री मंत्र का जाप भी कर सकते हैं। इससे भी पितृ दोष को कम करने में सहायता मिलती है -

गायत्री मंत्र

ॐ भूर्भुवः स्वः

तत्सवितुर्वरेण्यं

भर्गो देवस्यः धीमहि

धियो यो नः प्रचोदयात् ॥

अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।