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Hariyali Amavasya 2024: सावन में कब है हरियाली अमावस्या, शुभ फलों की प्राप्ति के लिए जरूर करें ये काम

हिन्दू धर्म में अमावस्या उस तिथि महत्वपूर्ण तिथियों में से एक माना जाता है। जिस प्रकार सावन का महीना भगवान शिव की आराधना के लिए विशेष माना जाता है ठीक उसी प्रकार सावन में आने वाली अमावस्या को भी भगवान शिव की उपासना के लिए खास माना जाता है। यह समय बारिश का समय होता है जिससे प्रकृति की सुंदरता और भी बढ़ जाती है।

By Suman Saini Edited By: Suman Saini Updated: Wed, 24 Jul 2024 04:55 PM (IST)
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Hariyali Amavasya 2024 सावन में कब है हरियाली अमावस्या।

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। हिन्दू पंचांग के अनुसार, श्रावण माह की अमावस्या तिथि को हरियाली अमावस्या के रूप में मनाया जाता है। हरियाली अमावस्या को अत्यन्त शुभ माना गया है। ऐसे में चलिए जानते हैं कि सावन में हरियाली अमावस्या कब मनाई जाएगी और इस दिन क्या उपाय करने चाहिए।

हरियाली अमावस्या का मुहूर्त (Hariyali Amavasya 2024 Muhurat)

सावन माह की अमावस्या तिथि 03 अगस्त, 2024 को दोपहर 03 बजकर 50 मिनट पर शुरू हो रही है। साथ ही यह तिथि 04 अगस्त, 2024 को दोपहर 04 बजकर 42 मिनट तक रहेगी। ऐसे में उदया तिथि के अनुसार सावन की हरियाली अमावस्या रविवार, 04 अगस्त को मनाई जाएगी।

जरूर करें ये काम

हरियाली अमावस्या के दिन पीपल के पेड़ की पूजा करना बहुत ही शुभ माना जाता है। साथ ही इस दिन को पेड़-पौधे लगाने सबसे अच्छा समय माना जाता है। ऐसे में आप इस तिथि पर आम, आंवला, केला, नींबू, तुलसी, पीपल, बरगद और नीम आदि लगा सकते हैं। इससे साधक पर भोलेनाथ की कृपा बनी रहती है।

शिव पूजन से होगा लाभ

हरियाली अमावस्या के दिन पति-पत्नी को मिलकर भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करनी चाहिए। ऐसा करने से शादीशुदा जीवन में खुशहाली बनी रहती है। इसके साथ ही हरियाली अमावस्या पर दूध में काले तिल मिलाकर शिवलिंग का अभिषेक करें। साथ ही ॐ नम: शिवाय मंत्र का 108 बार जाप करें। इससे महादेव प्रसन्न होते हैं।

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पितृ दोष से मिलेगा छुटकारा

हरियाली अमावस्या के दिन महादेव को आक या मदार के सफेद फूल चढ़ाने से पितृ दोष की समस्या से मुक्ति मिल सकती है। इसके साथ ही अमावस्या पर पितरों के निमित्त सरसों के तेल का दीपक भी जरूर जलाना चाहिए।

अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।