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Hariyali Teej 2024: 6 या 7 अगस्त,कब मनाई जाएगी हरियाली तीज? एक क्लिक में दूर करें सारी कन्फ्यूजन

हरियाली तीज का पर्व बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है। यह पर्व हर साल श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है। इस दिन लोग शिव-पार्वती की पूजा करते हैं। कहा जाता है इस व्रत को करने से अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है। इसलिए महिलाएं अपने पति की लंबी आयु एवं परिवार की कुशलता के लिए यह व्रत रखती हैं।

By Vaishnavi Dwivedi Edited By: Vaishnavi Dwivedi Published: Mon, 01 Jul 2024 11:18 AM (IST)Updated: Mon, 01 Jul 2024 11:18 AM (IST)
Hariyali Teej 2024: कब है हरियाली तीज?

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। सनातन धर्म में हरियाली तीज का त्योहार बेहद भक्ति और उत्साह के साथ मनाया जाता है। यह पर्व भगवान शिव और देवी पार्वती के दिव्य मिलन का प्रतीक है। मान्यताओं के अनुसार, सुहागिन महिलाएं इस दिन अपने पति की लंबी आयु तथा सलामती के लिए कठिन व्रत का पालन करती हैं। ऐसा कहा जाता है कि इसका पालन करने सुख और सौभाग्य में वृद्धि होती है।

वहीं यह महत्वपूर्ण व्रत (Hariyali Teej 2024) कब मनाया जाएगा? इसकी तिथि को लेकर लोगों के मन में शंका बनी हुई है, तो चलिए इसकी सही तिथि के बारे में जानते हैं।

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कब मनाई जाएगी हरियाली तीज?

हिंदू पंचांग के अनुसार, श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि 6 अगस्त, 2024 को रात्रि 07 बजकर 52 मिनट पर शुरू होगी। वहीं, इस तिथि का समापन 7 अगस्त, 2024 को रात्रि 10 बजे होगा। पंचांग को देखते हुए हरियाली तीज का व्रत 7 अगस्त 2024 को रखा जाएगा। ऐसे में व्रती इस दिन अपने शुभ व्रत का पालन करें।

पूजा का शुभ मुहूर्त

हरियाली तीज की पूजा सुबह 06 बजे से लेकर 09 बजे तक के बीच होगी। इसके बाद सुबह 10 बजकर 30 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजे तक इसकी पूजा की जा सकती है। वहीं, शाम की पूजा शाम 4 बजकर 30 मिनट से 06 बजे तक के बीच होगी। पंचांग के अनुसार, पूजा के लिए यह उत्तम समय माना जा रहा है। इसलिए इस समय पूजा करने की कोशिश करें।

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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है। 


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