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Hariyali Teej 2024: पहली बार रखने जा रही हैं हरियाली तीज का व्रत, तो इन बातों को न करें नजरअंदाज

हरियाली तीज पर सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए निर्जला व्रत करती हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार भगवान शिव को पति के रूप में पाने के लिए माता पार्वती ने व्रत की शुरुआत हरियाली तीज से ही की थी। हरियाली तीज का पर्व मुख्य रूप से माता पार्वती को समर्पित माना जाता है। हरियाली तीज के दिन महिलाओं के बीच झूला झूलने का भी प्रचलन है।

By Suman Saini Edited By: Suman Saini Updated: Tue, 30 Jul 2024 12:07 PM (IST)
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Hariyali Teej पर रखें इन बातों का ध्यान।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। हिंदू पंचांग के अनुसार, प्रत्येक वर्ष सावन मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि पर हरियाली तीज का पर्व मनाया जाता है। इस वर्ष हरियाली तीज का व्रत बुधवार, 07 अगस्त, 2024 को किया जाएगा। यह पर्व सुहागिन महिलाओं के लिए विशेष महत्व रखता है। ऐसे में यदि आप पहली बार हरियाली तीज का व्रत करने जा रही हैं, तो कुछ खास बातों का ख्याल जरूर रखें, ताकि आपको व्रत का पूर्ण फल प्राप्त हो सके।

हरियाली तीज व्रत के नियम

हरियाली तीज का व्रत निर्जला रखने का विधान है। यदि आप निर्जला व्रत करने में सक्षम नहीं हैं, तो फलाहार व्रत करने का भी संकल्प लें सकते हैं। साथ ही इस दिन पर रंग का विशेष महत्व माना गया है। इसलिए अपने श्रृंगार में हरे रंग को शामिल करें जैसे- हरे रंग की चूड़ी, बिंदी, हरी साड़ी आदि। इस विशेष दिन पर हाथों में मेंहदी भी जरूर लगाएं। इससे साधक को मां पार्वती की विशेष कृपा प्राप्त होती है।

माता पार्वती को अर्पित करें शृंगार

हरियाली तीज का पर्व माता पार्वती को समर्पित माना जाता है। ऐसे में जो महिला ये व्रत कर रही है, उसे मां पार्वती को 16 शृंगार की सामग्री अर्पित करनी चाहिए। इससे मां पार्वती अति प्रसन्न होती हैं और साधक को अखंड सौभाग्य का आशीर्वाद देती हैं।

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इन कार्यों से बनाएं दूरी

हरियाली तीज के दिन व्रत करने वाले जातक को अपने मन में नकारात्मक विचार नहीं लाने चाहिए। इस दिन वाद-विवाद से दूर रहें और न ही बड़े-बुजुर्ग का अपमान करें, वरना साधक व्रत के पूर्ण फल से वंचित रह सकता है।

अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।