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Teej 2021 Puja Timing: क्या है हरतालिका तीज पूजा का समय? जानें व्रत रखने के नियम

Teej 2021 Puja Timing अखंड सौभाग्य और आरोग्य देने वाला व्रत हरतालिका तीज आज 09 सितंबर को है। आज हम जानते हैं कि हरतालिका तीज व्रत की पूजा का शुभ समय क्या है और इस कठिन व्रत को करने का नियम क्या है।

By Kartikey TiwariEdited By: Updated: Thu, 09 Sep 2021 06:30 AM (IST)
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Teej 2021 Puja Timing: क्या है हरतालिका तीज पूजा का समय? जानें व्रत रखने के नियम
Teej 2021 Puja Timing: अखंड सौभाग्य और आरोग्य देने वाला व्रत हरतालिका तीज आज 09 सितंबर को है। इस दिन पति की लंबी आयु और सुखी दांपत्य जीवन के लिए माता पार्वती और शिव जी की आराधना की जाती है। इस दिन महिलाएं बिना अन्न और जल ग्रहण किए व्रत रखती हैं। अगले दिन पारण करती हैं। विवाह योग्य युवतियां मनचाहा वर पाने के लिए भी यह कठिन व्रत रखती हैं। हरतालिका तीज व्रत भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को रखा जाता है। जागरण अध्यात्म में आज हम जानते हैं कि हरतालिका तीज व्रत की पूजा का शुभ समय क्या है और इस कठिन व्रत को करने का नियम क्या है।

हरितालिका तीज 2021 पूजा समय

ज्योतिषाचार्य चक्रपाणि भट्ट के अनुसार, हरितालिका तीज व्रत की पूजा के लिए 09 सिंतबर को शाम 06 बजकर 10 मिनट से रात 07 बजकर 54 मिनट का समय उत्तम है। यह सर्वार्थ सौभाग्य वृद्धि करने वाला मुहूर्त है। आज के दिन दुर्लभ रवि योग भी बन रहा है। ऐसा दुर्लभ योग 14 साल के बाद बना है।

हरितालिका तीज व्रत करने से माता पार्वती और भगवान शिव की कृपा से विवाह में होने वाले दोष दूर हो जाते हैं। उस दंपत्ति का जीवन खुशहाल हो जाता है। इस वजह से यह व्रत सुहागन महिलाएं अवश्य करती हैं।

हरितालिका तीज व्रत के नियम

1. यदि आपको हरितालिका तीज व्रत रखना है, तो सबसे पहले आप मन, वचन और कर्म से शुद्ध हों। इसका अर्थ यह है कि मन में किसी के प्रति घृणा न रखें, सत्य व प्रिय बोलें तथा सही कार्य करें।

2. इस व्रत को करने के लिए आज रात्रि में सात्विक भोजन ग्रहण करें। मांस, मदिरा, लहसुन, प्याज आदि का सेवन न करें।

3. हरितालिका तीज के दिन स्नान आदि के बाद व्रत रखने और माता पार्वती एवं शिव जी की पूजा का संकल्प करें।

4. व्रत के दिन बिना अन्न और जल ग्रहण किए उपवास रखें। यह निर्जला व्रत है। जो महिलाएं बीमार या गर्भवती हैं, वे अपनी सुविधानुसार ही व्रत करें। कहा जाता है कि भगवान भाव के भूखे होते हैं।

5. तीज के लिए मायके से आए नए वस्त्र और सुहाग की सामग्री का उपयोग करना चाहिए। कई बार ऐसा संभव न हो तो आप स्वयं इन सामग्री को मंगाकर उपयोग करें।

6. पति और पत्नी दोनों ही सदैव एक दूसरे के प्रति प्रेम और ईमानदारी रखें।

7. आज व्रत के दिन नए वस्त्र और सोलह श्रृंगार करके हरितालिका तीज की पूजा करें। व्रत की कथा का श्रवण करें। माता पार्वती और शिव जी की आरती करें।

8. माता पार्वती और भगवान शिव से अपने सुहाग की रक्षा और सुखद दांपत्य जीवन का आशीष लें।

9. पूजा के बाद घर के बड़े बुजुर्गों का आशीष लें। पति का भी आशीष लें।

10. अगले दिन सुबह स्नान आदि के नए वस्त्र धारण करके शिव और पार्वती जी की पूजा करें। फिर ब्राह्मण के लिए दान करें। उसके बाद भोजन ग्रहण करके पारण करें। पारण के बाद ही व्रत पूरा माना जाता है।

डिस्क्लेमर

''इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना में निहित सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्स माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्म ग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारी आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना के तहत ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।''