Hartalika Teej पर इस शुभ मुहूर्त में पूजा करने से मिलेगा दोगुना फल, पति-पत्नी के रिश्ते होंगे मजबूत
पंचांग के अनुसार भाद्रपद माह में हरतालिका तीज व्रत 06 सितंबर (Hartalika Teej 2024 Date) को किया जाएगा। इस व्रत को कुंवारी लड़कियां और सुहागिन महिलाएं करती हैं। ऐसी मान्यता है कि हरतालिका तीज व्रत करने से जल्द विवाह के योग बनते हैं और पति को लंबी आयु का आशीर्वाद प्राप्त होता है। आइए हरतालिका व्रत और शुभ मुहूर्त और पूजा विधि के बारे में जानते हैं।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। सनातन धर्म में कई महत्वपूर्ण पर्व मनाए जाते हैं। इनमें हरतालिका तीज का त्योहार भी शामिल है। पंचांग के अनुसार, हर वर्ष भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को हरतालिका तीज का त्योहार बेहद उत्साह के साथ मनाया जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, इस व्रत को करने से साधक का वैवाहिक जीवन सदैव खुशहाल होता है और विवाह से जुड़ी सभी समस्या दूर होती है। साथ ही पति-पत्नी के रिश्ते में मजबूती आती है। चलिए जानते हैं इस दिन भगवान शिव और मां पार्वती (Hartalika Teej Puja Vidhi) की पूजा किस तरह करनी चाहिए।
हरतालिका तीज शुभ मुहूर्त
पंचांग के अनुसार, भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि की शुरुआत 05 सितंबर को दोपहर 12 बजकर 21 मिनट पर होगी। वहीं, इस तिथि का समापन 06 सितंबर को दोपहर 03 बजकर 21 मिनट पर होगा। ऐसे में हरतालिका तीज का व्रत 06 सितंबर को किया जाएगा। इस दिन पूजा करने का शुभ मुहूर्त (Hartalika Teej Shubh Muhurat) सुबह 06 बजकर 02 से सुबह 08 बजकर 33 मिनट तक है। इस मुहूर्त में उपासना करने से साधक को दोगुना फल प्राप्त होगा।
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ऐसे करें पूजा
हरतालिका तीज के दिन सूर्योदय से पहले उठें और स्नान कर साफ वस्त्र धारण करें। सूर्य देव को जल अर्पित करें। इस दौरान सूर्य देव के मंत्रों का जप करें। घर और मंदिर की सफाई करें। इसके बाद चौकी पर भगवान शिव और मां पार्वती की मूर्ति को विराजमान करें। विधिपूर्वक महादेव का अभिषेक करें। बेलपत्र और धतूरा चढ़ाएं। मां पार्वती को सोलह श्रृंगार की चीजें अर्पित करें। देसी घी का दीपक जलाकर आरती करें और हरतालिका तीज व्रत कथा का पाठ करें। साथ ही मंत्रों का जप करें। अंत में प्रभु को खीर और फल समेत आदि चीजों का भोग लगाएं।
अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।
पार्वती जी के मंत्र
- ओम पार्वत्यै नमः
- ओम उमाये नमः
- या देवी सर्वभूतेषु मां गौरी रूपेण संस्थिता।
- नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:
अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।