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Hartalika Teej 2024: कब मनाई जाएगी हरतालिका तीज, कैसे है हरियाली तीज से अलग?

हरतालिका तीज के दिन महिलाएं भगवान शिव व माता पार्वती की रेत या मिट्टी से बनी मूर्तियों की पूजा करती हैं और सुखी वैवाहिक जीवन के लिए प्रार्थना करती हैं। कई लोग हरतालिका तीज (Hartalika Teej 2024) और हरियाली चीज को एक ही समझ लेते हैं लेकिन इन दोनों काफी अंतर है। ऐसे में चलिए जानते हैं इन दोनों के बीच का अंतर।

By Suman Saini Edited By: Suman Saini Updated: Thu, 22 Aug 2024 12:38 PM (IST)
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Hartalika Teej 2024 कब है हरतालिका तीज।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। हर साल भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि पर हरतालिका तीज का व्रत किया जाता है। हरियाली तीज की तरह ही यह तीज भी माता पार्वती की पूजा-अर्चना के लिए समर्पित मानी जाती है। इस दिन महिलाएं सुखी वैवाहिक जीवन की कामना के साथ माता पार्वती के निमित्त व्रत करती हैं। ऐसे में चलिए जानते हैं कि साल 2024 में हरतालिका तीज का व्रत कब किया जाएगा।

हरतालिका तीज शुभ मुहूर्त (Hartalika Teej Auspicious Time)

भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि का प्रारम्भ 05 सितम्बर, 2024 को दोपहर 12 बजकर 21 मिनट पर हो रहा है। वहीं इस तिथि का समापन 06 सितम्बर, 2024 को दोपहर 03 बजकर 01 मिनट पर होगा। ऐसे में उदया तिथि के अनुसार, हरतालिका तीज का व्रत शुक्रवार, 06 सितम्बर को किया जाएगा। इस दिन पूजा का मुहूर्त कुछ इस प्रकार रहेगा -

प्रातःकाल हरितालिका पूजा मुहूर्त - सुबह 06 बजकर 02 से सुबह 08 बजकर 33 मिनट तक

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दोनों में क्या है अंतर

जहां हरियाली तीज सावन के महीने में मनाई जाती है, वहीं हरतालिका तीज का व्रत भाद्रपद यानी भादो के महीने में किया जाता है। इस दोनों तीज के बीच लगभग एक महीने का अंतर होता है। हरियाली तीज को छोटी तीज के नाम से जाना जाता है, तो वहीं हरतालिका तीज को बड़ी तीज भी कहते हैं। ऐसा माना जाता है कि शिव जी को पति रूप में पाने के लिए माता पार्वती ने हरियाली तीज से कठोर व्रत की शुरुआत की थी, जो हरतालिका तीज पर समाप्त हुआ था।

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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।