Yagya and Havan difference: कहीं आप भी तो हवन और यज्ञ को नहीं समझते हैं एक, तो जानिए इनके बीच का अंतर
हिंदू धर्म में हवन और यज्ञ को बहुत ही शुभ माना जाता है। हवन करवाने से वातावरण में एक सकारात्मकता बनी रहती है। इसके साथ ही और भी कई लाभ देखने को मिलते हैं। कई लोग इन दोनों को एक ही समझने की भूल करते हैं। लेकिन इन दोनों में एक बड़ा अंतर होता है। चलिए जानते हैं वह अंतर।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। पौराणिक काल से हवन और यज्ञ हिंदू संस्कृति का हिस्सा रहे हैं। हवन और यज्ञ का केवल धार्मिक महत्व ही नहीं है, बल्कि स्वास्थ्य की दृष्टि से भी इन्हें बहुत लाभकारी माना गया है। हवन या यज्ञ में इस्तेमाल होने वाली सामग्री का भी विशेष महत्व माना जाता है। ऐसे में चलिए जानते हैं हवन और यज्ञ से जुड़ी कुछ जरूरी जानकारी।
क्या है अंतर
हवन - असल में हवन, यज्ञ का ही एक छोटा स्वरूप होता है। इसमें पूजा के बाद अग्नि देव को जो आहुति दी जाती है। हवन शुद्धीकरण का एक कर्मकांड है, जिसमें कुंड में अग्नि के माध्यम से देवताओं को हवि (हवन सामग्री) यानी भोग पहुंचाया जाता है। किसी भी धार्मिक कार्य, गृह प्रवेश, नवग्रह शांति या फिर वास्तु दोष दूर करने के लिए भी हवन किया जाता है।
यज्ञ - यज्ञ एक वैदिक प्रक्रिया है, जिसके नियम बहुत कठिन माने जाते हैं। अगर किसी खास उद्देश्य से देवताओं को आहुति दी जाए तो यह यज्ञ कहलाता है। यज्ञ में देवता, आहुति, वेद मंत्र, ऋत्विक और दक्षिणा आदि का होना बहुत अनिवार्य माना गया है। यज्ञ में वेद मंत्रों के उच्चारण से इसका प्रभाव और अधिक बढ़ जाता है। अनिष्ट को टालने या फिर इच्छा की पूर्ति के लिए भी यज्ञ किया जाता है।
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मिलते हैं ये लाभ
यज्ञ और हवन में लगभग 55 तरह की अलग-अलग औषधि व लकड़ियों का इस्तेमाल करने की परंपरा रही है। यदि इन औषधियों के इस्तेमाल कर हवन किया जाता है, तो इससे वातावरण की अशुद्धियों और बुरी शक्तियों से मुक्ति मिलती है।
साथ ही सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बना रहता है। हवन द्वारा बीमारी फैलाने वाले बैक्टीरिया भी खत्म होते हैं, जिसका सकारात्मक प्रभाव घर के सदस्यों के स्वास्थ्य पर भी देखने को मिलता है। इस प्रकार विधि-विधान पूर्वक हवन कराने से व्यक्ति को स्वास्थ्य और समृद्धि दोनों का आशीर्वाद मिलता है।यह भी पढ़ें - Janmashtami पर बांके बिहारी मंदिर में भक्त इस समय कर सकेंगे दर्शन, जानिए पूरे कार्यक्रम का शेड्यूल
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