Hindu Marriage: शादी के लिए 36 में से कितने गुण मिलना जरूरी, पूरे मिलने पर कैसा होता है वैवाहिक जीवन?
विवाह हिंदू धर्म के 16 संस्कारों में से एक माना गया है। सनातन धर्म में विवाह से पहले लड़का और लड़की की कुंडली भी मिलाई जाती है और यह देखा जाता है कि उनके आपस में कितने गुण मिल रहे हैं। इसके बाद ही विवाह संस्कार संपन्न किया जाता है। ऐसे में चलिए जानते हैं कि विवाह के लिए आपस में कितने गुण मिलना जरूरी होता है।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। विवाह व्यक्ति के जीवन में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। हिंदू धर्म में विवाह (Hindu Marriage) से पहले लड़के और लड़की के घर वाले पंडित को उनकी जन्मकुंडली जरूर दिखाते हैं और यह सुनिश्चित करते हैं शादी के बाद वह एक-दूसरे के साथ खुश रहें। तो चलिए जानते हैं कि ये 36 गुण कौन-से हैं और लड़का-लड़की के आपस में कितने गुण मिलने से उनका जीवन कैसा व्यतीत होता है।
ये हैं कुंडली के 36 गुण
- नाड़ी के 8 गुण
- भकूट के 7 गुण
- गण मैत्री के 6 गुण
- ग्रह मैत्री के 5 गुण
- योनि मैत्री के 4 गुण
- ताराबल के 3 गुण
- वश्य के 2 गुण
- वर्ण के 1 गुण
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इतने गुण मिलने हैं जरूरी -
कुंडली के अनुसार, 36 गुणों में से लड़का-लड़की के कम-से-कम 18 गुण मिलना जरूरी माना जाता है। यदि इससे कम गुण आपस में मिलते हैं, तो ऐसा माना जाता है कि शादी के सफल होने की संभावना कम होती है या फिर विवाह टूटने का भी डर बना रहता है। इसलिए 18 से कम गुण मिलने पर विवाह नहीं किया जाता।
18 से 25 गुण - यदि किसी लड़का-लड़की के 18 से लेकर 25 गुण आपस में मिलते हैं, तो ऐसा माना जाता है कि उनका वैवाहिक जीवन अच्छा रहेगा।
25 से 32 गुण - वहीं अगर किसी लड़का-लड़की के आपस में 25 में से 32 गुण मिलते हैं, तो ऐसा माना जाता है कि उनका शादीशुदा जीवन काफी खुशहाल रहने वाला है।
32 से 36 गुण - यदि लड़का-लड़की के 32 से लेकर 36 गुण आपस में मिल जाते हैं, तो यह काफी शुभ और सर्वश्रेष्ठ माना जाता है। लेकिन ऐसा होना काफी दुर्लभ भी होता है और काफी कम ही लोगों के आपस में इतने गुण मिल पाते हैं।यह भी पढ़ें - Happy Married Life Tips: जीवन में प्रेम बनाए रखने के लिए करें ये उपाय, ताउम्र बना रहेगा साथ