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Hindu Marriage: शादी के लिए 36 में से कितने गुण मिलना जरूरी, पूरे मिलने पर कैसा होता है वैवाहिक जीवन?

विवाह हिंदू धर्म के 16 संस्कारों में से एक माना गया है। सनातन धर्म में विवाह से पहले लड़का और लड़की की कुंडली भी मिलाई जाती है और यह देखा जाता है कि उनके आपस में कितने गुण मिल रहे हैं। इसके बाद ही विवाह संस्कार संपन्न किया जाता है। ऐसे में चलिए जानते हैं कि विवाह के लिए आपस में कितने गुण मिलना जरूरी होता है।

By Suman Saini Edited By: Suman Saini Updated: Tue, 22 Oct 2024 02:56 PM (IST)
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Hindu Marriage शादी के लिए 36 में से कितने गुण मिलना जरूरी।

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। विवाह व्यक्ति के जीवन में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। हिंदू धर्म में विवाह (Hindu Marriage) से पहले लड़के और लड़की के घर वाले पंडित को उनकी जन्मकुंडली जरूर दिखाते हैं और यह सुनिश्चित करते हैं शादी के बाद वह एक-दूसरे के साथ खुश रहें। तो चलिए जानते हैं कि ये 36 गुण कौन-से हैं और लड़का-लड़की के आपस में कितने गुण मिलने से उनका जीवन कैसा व्यतीत होता है।

ये हैं कुंडली के 36 गुण

  • नाड़ी के 8 गुण
  • भकूट के 7 गुण
  • गण मैत्री के 6 गुण
  • ग्रह मैत्री के 5 गुण
  • योनि मैत्री के 4 गुण
  • ताराबल के 3 गुण
  • वश्य के 2 गुण
  • वर्ण के 1 गुण

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इतने गुण मिलने हैं जरूरी -

कुंडली के अनुसार, 36 गुणों में से लड़का-लड़की के कम-से-कम 18 गुण मिलना जरूरी माना जाता है। यदि इससे कम गुण आपस में मिलते हैं, तो ऐसा माना जाता है कि शादी के सफल होने की संभावना कम होती है या फिर विवाह टूटने का भी डर बना रहता है। इसलिए 18 से कम गुण मिलने पर विवाह नहीं किया जाता।

18 से 25 गुण - यदि किसी लड़का-लड़की के 18 से लेकर 25 गुण आपस में मिलते हैं, तो ऐसा माना जाता है कि उनका वैवाहिक जीवन अच्छा रहेगा।

25 से 32 गुण - वहीं अगर किसी लड़का-लड़की के आपस में 25 में से 32 गुण मिलते हैं, तो ऐसा माना जाता है कि उनका शादीशुदा जीवन काफी खुशहाल रहने वाला है।

32 से 36 गुण - यदि लड़का-लड़की के 32 से लेकर 36 गुण आपस में मिल जाते हैं, तो यह काफी शुभ और सर्वश्रेष्ठ माना जाता है। लेकिन ऐसा होना काफी दुर्लभ भी होता है और काफी कम ही लोगों के आपस में इतने गुण मिल पाते हैं।

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किसके मिले थे 36 गुण

माना जाता है कि भगवान राम और माता सीता के आपस में 36 गुण मिले थे। लेकिन वहीं यदि किसी के आपस में 36 के 36 गुण मिल जाते है, तो उनका आपस में विवाह करना शुभ नहीं माना जाता है। जिसके पीछे यह मान्यता है कि 36 गुण मिलने के कारण भगवान राम और माता सीता के वैवाहिक जीवन में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा था। साथ ही भगवान श्रीराम की कुंडली में कई प्रकार के ऐसे संयोग थे, जिसके चलने दाम्पत्य जीवन में उन्हें मुश्किलों का सामना करना पड़ा था। 

अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।