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Hindu Nav Varsh 2023: हिंदू नववर्ष में 12 नहीं, बल्कि होंगे 13 महीने, ज्योतिष विद्वान से जानिए कारण

Hindu Nav Varsh 2023 22 मार्च 2023 से हिन्दू नववर्ष का शुभारंभ हो रहा है। प्रत्येक वर्ष हिन्दू नववर्ष की शुरुआत चैत्र शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से होती है। इस वर्ष 12 नहीं बल्कि 13 महीने होंगे। आइए ज्योतिष विशेषज्ञ मनोज थपलियाल जी से जानते हैं इसका कारण।

By Shantanoo MishraEdited By: Shantanoo MishraUpdated: Mon, 20 Mar 2023 04:55 PM (IST)
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Hindu Nav Varsh 2023: 12 नहीं बल्कि 13 महीनों का होगा नववर्ष, जानिए कारण
नई दिल्ली, अध्यात्म डेस्क | Hindu Nav Varsh 2023: प्रत्येक वर्ष चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से हिन्दू नववर्ष की शुरुआत हो जाती है। इस वर्ष नव संवत्सर 2080 22 मार्च 2023, बुधवार के दिन से शुरू होगा। इस दिन चैत्र नवरात्रि भी शुरू होगी। आने वाला नया साल धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण माना जा रहा है। ऐसा इसलिए, क्योंकि इस साल 12 की जगह 13 महीने होंगे। बता दें कि हर तीन साल में एक महीना अतिरिक्त जुड़ जाता है, जिसे अधिक मास के नाम से जाना जाता है। आइए, ज्योतिषाचार्य मनोज थपलियाल जी से जानते हैं अधिक मास की तिथि, अवधि और नियम।

नववर्ष में अधिक मास की अवधि (Hindu Nav Varsh 2023 Adhik Maas)

नव संवत्सर 2080, 22 मार्च से शुरू होगा, साथ ही इस वर्ष अधिक मास 18 जुलाई 2023 से प्रारंभ हो जाएगा और इसका समापन 16 अगस्त के दिन होगा। अधिकमास में भगवान विष्णु की पूजा का विशेष महत्व। साथ ही इस वर्ष श्रावण मास एक नहीं, बल्कि 2 महीने चलेगा। यही कारण है शिव भक्तों को भी महादेव की उपासना के लिए अधिक समय मिलेगा।

ज्योतिषाचार्य मनोज थपलियाल बताते हैं कि सूर्य वर्ष 365 दिन का और चंद्र वर्ष 354 दिन का होता है। दोनों में करीब 11 दिन का अंतर होता है। सूर्य मास संक्रांति से संक्रांति तक रहता है और चंद्रमास पूर्णिमा से पूर्णिमा तक रहता है। इस साल चंद्रमास रहेगा, जिसे अधिक मास या मलमास के नाम से भी जाना जाता है।

अधिक मास के नियम (Adhik Maas 2023 Niyam)

अधिक मास या मलमास में कई महत्वपूर्ण व धार्मिक कार्यों पर रोक लग जाती है। इस अवधि में विवाह, मुंडन, गृह प्रवेश जैसे महत्वपूर्ण धार्मिक कार्य नहीं किए जाते हैं। साथ ही नए व्यवसाय के लिए बनने वाले भवन का निर्माण भी शुरू नहीं करने की सलाह दी जाती है। ऐसा इसलिए, क्योंकि इस अवधि में काम शुरू करने से नुकसान का भय बढ़ जाता है। यह सलाह भी दी जाती है कि अधिक मास में व्यक्ति को बड़ा निवेश भी नहीं करना चाहिए।

डिसक्लेमर- इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।