जानिए हिंदू धर्म के ऐसे चमत्कार, जिनका आज तक विज्ञान भी नहीं दे पाया जवाब
हिंदू धर्म सबसे प्राचीन धर्मों में से एक माना जाता है। हिंदू धर्म की कई मान्यताओं और प्रथाओं को विज्ञान की दृष्टि से भी सही ठहराया गया है। इसी के साथ हिंदू धर्म में आज भी कुछ ऐसे चमत्कार देखने को मिलते हैं जिसका विज्ञान के पास भी कोई जवाब नहीं है। चलिए जानते हैं कुछ ऐसे चमत्कारों के विषय में।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। हिंदू शास्त्रों में ऐसे कई मंदिर व धार्मिक स्थलों का वर्णन किया गया है, जो आज भी लोगों की आस्था का केंद्र बने हुए हैं। इसके साथ ही हिंदू धर्म ऐसे रहस्यों और चमत्कारों से भरा हुआ है, जो किसी को भी आश्चर्य में डाल सकते हैं। आज हम आपको सनातन धर्म के कुछ ऐसी ही अद्भुत घटनाएं बताने जा रहे हैं, जो आज भी लोगों को आश्चर्यचकित करती हैं।
अमरनाथ का शिवलिंग
प्रति वर्ष अमरनाथ गुफा में बर्फ का प्राकृतिक शिवलिंग बनता है, जिसे बाबा बर्फानी के नाम से भी जाना जाता है। इस प्राकृतिक शिवलिंग के दर्शन के लिए लाखों भक्त यहां पहुचते हैं। ऐसा माना जाता है कि अमरनाथ यात्रा से व्यक्ति के सभी पाप नष्ट होते हैं और उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है। लेकिन सबसे बड़ा चमत्कार यही माना जाता है कि हर साल स्वयं शिवलिंग का निर्माण होता है। इसी के साथ गणेश और पार्वती पीठ भी हिम से प्राकृतिक रूप से निर्मित होते हैं।
जगन्नाथ मंदिर के चमत्कार
ओडिशा के पुरी में स्थित जगन्नाथ मंदिर भी चमत्कारों से भरा हुआ है। सबसे पहले तो इस मंदिर की खासियत यह है कि इसके गुंबर की परछाई नहीं बनती और न ही गुंबद के पास कोई पक्षी उड़ पाता है। दूसरा चमत्कार यह है कि मंदिर के शिखर पर स्थित ध्वज, हमेशा वायु की विपरीत दिशा में लहराता है।
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गंगाजल का पानी
गंगाजल को हिंदू धर्म में बहुत ही पवित्र माना जाता है। किसी भी धार्मिक कार्य में गंगाजल का उपयोग मुख्य रूप से किया जाता है, ताकि पवित्रता बनी रहे। ऐसा कहा जाता है कि यह एक एकमात्र ऐसी नदी है, जिसका पानी कभी नहीं सड़ता। कई हिंदू अनुयायी अपने घरों में वर्षों तक गंगाजल को भरकर रखते हैं, लेकिन यह कभी खराब नहीं होता और न ही इससे कभी दुर्गंध आती है। यह भी कहा जाता है कि मृत व्यक्ति के मुख में गंगाजल डाला जाए, तो उसे मोक्ष की प्राप्ति हो सकती है।
रामसेतु का पत्थर
रामायण में इस बात का वर्णन मिलता है कि समुद्र को पार करने के लिए भगवान राम की वानर सेना से पत्थरों से पुल का निर्माण किया था। ऐसा कहा जाता है कि आज भी इस स्थान के पत्थर पानी में डूबने के स्थान पर तैरते हैं। यह किसी चमत्कार से कम नहीं है और विज्ञान के पास भी इसका कोई उत्तर नहीं है।
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काल भैरव का मदिरापान
मध्यप्रदेश के उज्जैन में काल भैरव का लगभग 6,000 साल पुराना मंदिर स्थापित है। यहां मंदिर में स्थापित काल भैरव की मूर्ति को मदिरापान कराने की परंपरा है। जांच के बाद भी यह पता नहीं चल सका कि आखिर ये मदिरा कहां जाती है।
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