Wedding Rituals: विदाई के समय दुल्हन क्यों फेंकती है अपने सिर के ऊपर से चावल, जानिए इसका धार्मिक महत्व
Wedding Rituals हिंदी धर्म में विवाह संपन्न होने से पहले और बाद में कई तरह के रीति-रिवाज निभाए जाते हैं। जैसे शादी से पहले दूल्हा- दुल्हन को हल्दी लगाने की रस्म शादी के दौरान सात फेरे लेने की रस्म और शादी के बाद दुल्हन के गृह प्रवेश की रस्म। इस सभी रीति-रिवाज के पीछे कई धार्मिक मान्यताएं मौजूद होती हैं।
By Suman SainiEdited By: Suman SainiUpdated: Fri, 21 Jul 2023 11:07 AM (IST)
नई दिल्ली, अध्यात्म डेस्क। Wedding Rituals: हिंदू धर्म में शादी-विवाह के दौरान कई तरह के रीति-रिवाज निभाए जाते हैं जिनका अपना एक विशेष महत्व होता है। ऐसी ही एक रस्म है विदाई के दौरान दुल्हन का सिर के ऊपर से चावल फेंकना। क्या आप जानते हैं कि यह रस्म क्यों निभाई जाती है।
कैसे की जाती है ये रस्म
जब शादी संपन्न होने के बाद विदाई का समय आता है तो उस समय दुल्हन से चावल फेंकने की रस्म कराई जाती है। यह रस्म लकड़ी के मायके में कराई जाती है। इस दौरान दुल्हन अपने दोनों हाथों में चावल लेकर अपने सिर के ऊपर से पीछे की ओर फेंकती हैं। ऐसा 5 बार करना होता है और इस रस्म के दौरान पीछे मुड़कर देखने की मनाही होती है। वहीं लड़की की मां और बाकी औरतें पीछे एक कपड़ा लेकर चलती हैं जिसमें वह चावल गिरते हैं। इस चावलों को नीचे जमीन पर गिरने से बचाना होता है।
क्या है मान्यता
हिंदू धर्म में लड़कियों को माता लक्ष्मी का स्वरूप माना जाता है। विवाह के दौरान विदाई के समय दुल्हन द्वारा सिर के ऊपर से चावल फेंके जाते हैं। हिंदू धर्म में इस रस्म का एक खास महत्व है। ऐसा माना जाता है कि जब शादी के बाद लड़कियां विदा होकर जाती हैं तो वह अपने परिवार को चावल के रूप में धन-संपत्ति, समृद्धि और दुआएं देकर जाती हैं। इसलिए लड़की की विदाई के समय सिर के ऊपर से चावल फेंकने की रस्म कराई जाती है।बुरी नजर से बचाती है ये रस्म
इसका दूसरा अर्थ यह भी है कि दुल्हन विदाई के समय अपने सिर के ऊपर से चावल अपने मायके को बुरी नजर से बचाने के लिए फेंकती हैं। इस रस्म के जरिए दुल्हन अपने परिवार के प्रति उनसे मिले प्यार, सम्मान का आभार व्यक्त करती है। बेटी के जाने के बाद परिवार के लोग इन चावलों को संभाल कर रखते हैं।डिसक्लेमर: 'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'