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Holashtak 2024: होलाष्टक के दौरान इन बातों का रखें विशेष ध्यान, जीवन में होगी खुशियों की बरसात

होलाष्टक की शुरुआत 17 मार्च से हो रही है। वहीं इसका समापन 25 मार्च को होगा। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस अवधि के दौरान शुभ कार्यों को करने से बचना चाहिए। बता दें होलाष्टक के रीति-रिवाज व्यक्तिगत मान्यताओं और क्षेत्रीय परंपराओं के आधार पर अलग हो सकते हैं। ज्योतिष शास्त्र में इस दिन को लेकर कई सारे नियम बताए गए हैं जिनका पालन करना बेहद जरूरी है।

By Vaishnavi Dwivedi Edited By: Vaishnavi Dwivedi Updated: Sat, 16 Mar 2024 10:46 AM (IST)
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Holashtak 2024: होलाष्टक के दौरान ध्यान रखने योग्य जरूरी बातें -
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Holashtak 2024: होलाष्टक की शुरुआत फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को होती है और इसका समापन पूर्णिमा तिथि को होता है। इस साल इसकी शुरुआत 17 मार्च से हो रही है। वहीं, इसका समापन 25 मार्च को होगा। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस अवधि के दौरान शुभ कार्यों को करने से बचना चाहिए।

बता दें, होलाष्टक के रीति-रिवाज व्यक्तिगत मान्यताओं और क्षेत्रीय परंपराओं के आधार पर अलग हो सकते हैं। ज्योतिष शास्त्र में इस दिन को लेकर कई सारे नियम बताए गए हैं, जिनका पालन करना बेहद जरूरी है।

होलिका दहन का मुहूर्त

इस साल होलिका दहन पर कुछ समय के लिए भद्राकाल रहेगा, जो 24 मार्च रात 11 बजकर 13 मिनट तक रहने वाला है। ऐसे में होलिका दहन के लिए सबसे अच्छा समय रात 11 बजकर 14 मिनट से लेकर 12 बजकर 20 मिनट तक रहेगा। इस दौरान आप होलिका दहन बिना बाधा के कर सकते हैं।

होलाष्टक के दौरान ध्यान रखने योग्य जरूरी बातें -

  • इस दौरान कोई नया व्यावसायिक कार्य शुरू न करें।
  • इस अवधि में अपने बाल और नाखून काटने से बचें।
  • होलाष्टक काल में वस्त्र, आभूषण पहनने से बचें।
  • मुंडन संस्कार, नामकरण संस्कार, गृह प्रवेश न करें।
  • इस दौरान ब्रह्मचर्य बनाए रखें।
  • ज्यादा से ज्यादा आध्यात्मिक और धार्मिक गतिविधियों से जुड़ें।
  • होलाष्टक के दौरान भगवान विष्णु की पूजा बेहद पुण्यदायी मानी जाती है।
  • भगवत गीता पाठ का पाठ अवश्य करें।
  • विष्णु सहस्रनाम का पाठ करें।
  • इन दिनों में हवन करना भी पुण्यदायी होता है।
  • जरूरतमंद लोगों को वस्त्र और पैसों का दान करें।
  • तामसिक भोजन जैसे- लहसुन, प्याज, अंडा और मांस आदि के सेवन से बचें।
  • नकारात्मकता को दूर करने के लिए अपने घर और मंदिर की सफाई करें।
  • इस अवधि के दौरान भगवान विष्णु के मंत्रों का जाप करें।
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डिसक्लेमर- 'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/जयोतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देंश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी'।