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Holashtak 2024: होली से पहले जरूर करें ये उपाय, मिलेगा कई समस्याओं से छुटकारा

हर साल फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा की रात होलिका दहन किया जाता है और इसके अगले दिन होली मनाई जाती है। दिवाली के बाद यह हिंदुओं का सबसे महत्वपूर्ण त्योहार है। होलाष्टक की शुरुआत फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि से हो जाती है अर्थात होलिका दहन से ठीक आठ दिन पहले होलाष्टक शुरू हो जाते हैं।

By Suman Saini Edited By: Suman Saini Updated: Tue, 12 Mar 2024 10:06 AM (IST)
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Holashtak 2024 होली से पहले जरूर करें ये उपाय।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Holashtak 2024 Date: होलाष्टक फाल्गुन शुक्ल पक्ष अष्टमी से शुरू होकर फाल्गुन शुक्ल पक्ष पूर्णिमा तक रहते हैं। धार्मिक दृष्टि से इन आठ दिनों को अशुभ माना जाता है। इस दौरान मांगलिक कार्य जैसे शादी, विवाह, मुंडन, गृह प्रवेश आदि कार्य करना शुभ नहीं माना जाता। ऐसे में यदि आप होली से पहले के समय में कुछ खास उपाय करते हैं, तो आपको कई तरह के लाभ मिल सकते हैं।

होलाष्टक प्रारंभ

फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि का प्रारंभ 16 मार्च को रात 9 बजकर 39 मिनट पर हो रहा है। वहीं, इस तिथि का समापन 17 मार्च को सुबह 9 बजकर 53 मिनट पर होगा। ऐसे में होलाष्टक 17 मार्च से लगने जा रहे हैं, जो 24 मार्च तक रहने वाले हैं। इसके बाद 25 मार्च, सोमवार के दिन होली मनाई जाएगी।

करें ये काम

होलाष्टक के दौरान श्री हरि की पूजा-अर्चना करने से विशेष लाभ मिल सकते हैं। पूजा के दौरान भगवान विष्णु के मंत्रों का जाप भी जरूर करें। ऐसा करने से आपके और आपके परिवार के ऊपर भगवान विष्णु की कृपा बनी रहती है।

होगा धन लाभ

होलाष्टक के दिनों में घर में पीली सरसों, हल्दी गांठ, गुड़ व कनेर के फूल से हवन करना चाहिए। इसके बाद श्री सूक्त या फिर मंगल ऋण मोचन स्त्रोत का पाठ भी जरूर करना चाहिए। ऐसा करने से लक्ष्मी जी की कृपा प्राप्ति होती है और साधक को धन की समस्या का सामना नहीं करना पड़ता।

दूर होंगी समस्याएं

होलाष्टक के दौरान भगवान नृसिंह की पूजा-अर्चना करना श्रेष्ठ माना जाता है। ऐसे में होलाष्टक में हर रोज विधि-विधान के साथ नृसिंह भगवान की पूजा करें ऐसा करने से जीवन की समस्याओं दूर हो सकती हैं। वहीं भगवान कृष्ण की पूजा के दौरान रंग गुलाल चढ़ाने से जीवन में सुख-सौभाग्य बना रहता है।

डिसक्लेमर: 'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'