Holi 2023: बाबा विश्वनाथ की नगरी में धधकती हुई चिताओं के बीच जमकर खेली जाती है मसाने की होली
Holi 2023 देशभर में होली का पर्व 08 मार्च को हर्षोल्लास के साथ मनाया जाएगा। लेकिन बाबा विश्वनाथ की नगरी में आज अजब मसाने की होली खेली जाएगी। आइए जानते हैं क्या है इस अनोखी होली से जुड़ी कथा और इसका महत्व।
By Shantanoo MishraEdited By: Shantanoo MishraUpdated: Sat, 04 Mar 2023 10:14 AM (IST)
नई दिल्ली, अध्यात्म डेस्क | Holi 2023, Masane ki Holi 2023: हिन्दू धर्म में होली पर्व का विशेष महत्व है। प्रत्येक वर्ष फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि के दिन होली महोत्सव को हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। इस वर्ष यह पर्व 08 मार्च 2023, बुधवार (Holi 2023) के दिन धूमधाम से मनाया जाएगा। लेकिन देश और दुनिया से लोग अजब होली का आनंद लेने के लिए बाबा विश्वनाथ की नगरी में एकत्रित होते हैं। बता दें कि यहां मणिकर्णिका घाट और हरिश्चन्द्र घाट पर रंगभरी एकादशी के ठीक अगले दिन यानि आज, जलती हुई चिताओं के बीच जमकर होली खेली जाती है। आइए जानते हैं मसाने की होली से जुड़ी कथा और इसका धार्मिक महत्व।
मसाने की होली की पौराणिक कथा (Masane ki Holi Katha)
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार जब भोलेनाथ माता पार्वती को गौना करा कर वापस ले जा रहे थे। तब भगवान शिव के गण और देवता फूल और रंगों से होली खेल रहे थे। लेकिन शमशान में बाबा के परम भक्त अर्थात भूत-प्रेत और अघोरी इस खुशी से वंचित रह गए। जब यह बात भगवान शिव को पता चली तो वह अगले दिन गाजे-बाजे के साथ उनका दुख दूर करने के लिए शमशान पहुंच गए और जलती चिताओं के बीच राख से होली खेली। आज भी उस परंपरा उसी हर्षोल्लास के साथ पूरी की जाती है।
आमतौर पर मणिकर्णिका घाट पर लोग अपने परिजन को अंतिम विदाई देते हुए नजर आते हैं। लेकिन आज के दिन इस घाट का अलग ही नजारा देखने को मिलता है। यहां भगवान शिव के भक्त चिताओं के बीच झूमते हुए और नाचते-गाते चिता की भस्म से होली खेलते हैं।
मसाने की होली का महत्व (Masane ki Holi Importance)
हिंदू धर्म में काशी को मोक्ष की नगरी के रूप में जाना जाता है। वहीं आज के दिन शमशान घाट में खेली गई इस होली का महत्त्व भी बहुत अधिक है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार यहां चिता की राख से खेली गई होली से मृत्यु का भय दूर हो जाता है। साथ ही मसाने की होली खेलने से बाबा विश्वनाथ का आशीर्वाद अपने भक्तों पर सदैव बना रहता है और सभी प्रकार की तांत्रिक बाधाएं दूर हो जाती है।
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