Holi 2024: होली पर करें इस चालीसा का पाठ, मिलेगा समस्त समस्याओं का समाधान
प्रत्येक वर्ष फाल्गुन माह की पूर्णिमा पर होली का पर्व मनाया जाता है। इस साल फाल्गुन पूर्णिमा 25 मार्च को पड़ रही है तो ऐसे में 25 मार्च सोमवार के दिन होली का पर्व मनाया जाएगा। ऐसे में आप होली के दिन इस चालीसा का पाठ करके ईश्वर की विशेष कृपा प्राप्त कर सकते हैं। ऐसे में आइए पढ़ते हैं श्री नरसिंह चालीसा।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Holi 2024: हिंदू धर्म होली का पर्व विशेष महत्व रखता है। साथ ही इस पर्व को ईश्वर की कृपा प्राप्ति के लिए भी महत्वपूर्ण माना गया है। ऐसे में यदि आप होली के खास अवसर पर श्री नरसिंह चालीसा का पाठ करते हैं तो इससे आपको जीवन में विशेष लाभ देखने को मिलते हैं। माना जाता है कि इस चालीसा के पाठ से जीवन में आ रही समस्याएं दूर हो सकती हैं। ऐसे में आइए पढ़ते हैं श्री नरसिंह चालीसा।
श्री नरसिंह चालीसा
मास वैशाख कृतिका युत, हरण मही को भार।शुक्ल चतुर्दशी सोम दिन, लियो नरसिंह अवतार।।
धन्य तुम्हारो सिंह तनु, धन्य तुम्हारो नाम।तुमरे सुमरन से प्रभु, पूरन हो सब काम।।
नरसिंह देव में सुमरों तोहिधन बल विद्या दान दे मोहि।।1।।जय-जय नरसिंह कृपालाकरो सदा भक्तन प्रतिपाला।।2।।विष्णु के अवतार दयालामहाकाल कालन को काला।।3।।
नाम अनेक तुम्हारो बखानोअल्प बुद्धि में ना कछु जानो।।4।।हिरणाकुश नृप अति अभिमानीतेहि के भार मही अकुलानी।।5।।हिरणाकुश कयाधू के जायेनाम भक्त प्रहलाद कहाये।।6।।भक्त बना बिष्णु को दासापिता कियो मारन परसाया।।7।।अस्त्र-शस्त्र मारे भुज दण्डाअग्निदाह कियो प्रचंडा।।8।।भक्त हेतु तुम लियो अवतारादुष्ट-दलन हरण महिभारा।।9।।
तुम भक्तन के भक्त तुम्हारेप्रह्लाद के प्राण पियारे।।10।।प्रगट भये फाड़कर तुम खम्भादेख दुष्ट-दल भये अचंभा।।11।।खड्ग जिह्व तनु सुंदर साजाऊर्ध्व केश महादृष्ट विराजा।।12।।तप्त स्वर्ण सम बदन तुम्हाराको वरने तुम्हरो विस्तारा।।13।।रूप चतुर्भुज बदन विशालानख जिह्वा है अति विकराला।।14।।स्वर्ण मुकुट बदन अति भारीकानन कुंडल की छवि न्यारी।।15।।
भक्त प्रहलाद को तुमने उबाराहिरणा कुश खल क्षण मह मारा।।16।।ब्रह्मा, बिष्णु तुम्हें नित ध्यावेइंद्र-महेश सदा मन लावे।।17।।वेद-पुराण तुम्हरो यश गावेशेष शारदा पारन पावे।।18।।जो नर धरो तुम्हरो ध्यानाताको होय सदा कल्याना।।19।।त्राहि-त्राहि प्रभु दु:ख निवारोभव बंधन प्रभु आप ही टारो।।20।।नित्य जपे जो नाम तिहारादु:ख-व्याधि हो निस्तारा।।21।।
संतानहीन जो जाप करायेमन इच्छित सो नर सुत पावे।।22।।बंध्या नारी सुसंतान को पावेनर दरिद्र धनी होई जावे।।23।।जो नरसिंह का जाप करावेताहि विपत्ति सपने नहीं आवे।।24।।जो कामना करे मन माहीसब निश्चय सो सिद्ध हुई जाही।।25।।जीवन मैं जो कछु संकट होईनिश्चय नरसिंह सुमरे सोई।।26।।रोग ग्रसित जो ध्यावे कोईताकि काया कंचन होई।।27।।
डाकिनी-शाकिनी प्रेत-बेतालाग्रह-व्याधि अरु यम विकराला।।28।।प्रेत-पिशाच सबे भय खाएयम के दूत निकट नहीं आवे।।29।।सुमर नाम व्याधि सब भागेरोग-शोक कबहूं नहीं लागे।।30।।जाको नजर दोष हो भाईसो नरसिंह चालीसा गाई।।31।।हटे नजर होवे कल्यानाबचन सत्य साखी भगवाना।।32।।जो नर ध्यान तुम्हारो लावेसो नर मन वांछित फल पावे।।33।।
बनवाए जो मंदिर ज्ञानीहो जावे वह नर जग मानी।।34।।नित-प्रति पाठ करे इक बारासो नर रहे तुम्हारा प्यारा।।35।।नरसिंह चालीसा जो जन गावेदु:ख-दरिद्र ताके निकट न आवे।।36।।चालीसा जो नर पढ़े-पढ़ावेसो नर जग में सब कुछ पावे।।37।।यह श्री नरसिंह चालीसापढ़े रंक होवे अवनीसा।।38।।जो ध्यावे सो नर सुख पावेतोही विमुख बहु दु:ख उठावे।।39।।
‘शिवस्वरूप है शरण तुम्हारीहरो नाथ सब विपत्ति हमारी’।।40।।चारों युग गायें तेरी महिमा अपरंपार।निज भक्तनु के प्राण हित लियो जगत अवतार।।नरसिंह चालीसा जो पढ़े प्रेम मगन शत बार।उस घर आनंद रहे वैभव बढ़े अपार।।डिसक्लेमर: 'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'