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Holi Bhai Dooj 2021: होली भाई दूज पर जानें क्या है इस पावन त्यौहार की पौराणिक कथा

Holi Bhai Dooj 2021 होली के दूसरे दिन देश के कई इलाकों में भाईदूज का त्यौहार मनाया जाता है। यह चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की द्वितीया तिथि तिथि होती है। इस त्यौहार को लेकर एक पौराणिक कथा प्रचलित है जिसकी जानकारी हम आपको यहां दे रहे हैं।

By Shilpa SrivastavaEdited By: Updated: Tue, 30 Mar 2021 10:14 AM (IST)
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Holi Bhai Dooj 2021: होली भाई दूज पर जानें क्या है इस पावन त्यौहार की पौराणिक कथा
Holi Bhai Dooj 2021: होली के दूसरे दिन देश के कई इलाकों में भाईदूज का त्यौहार मनाया जाता है। यह चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की द्वितीया तिथि तिथि होती है। जिस तरह से दिवाली के दूसरे दिन भाईदूज की परंपरा है ठीक उसी तरह होली के दूसरे दिन भी यह परंपरा कई जगहों पर मनाई जाती है। इस दिन बहनें अपने भाईयों की लंबी उम्र की कामना करती हैं। इस त्यौहार को लेकर एक पौराणिक कथा प्रचलित है जिसकी जानकारी हम आपको यहां दे रहे हैं।

होली भाई दूज की कथा:

पौराणिक कथा के अनुसार, एक नगर में एक बुढ़िया रहा करती थी। उसका एक बेटा और एक बेटी थी। बेटी की शादी बुढ़िया ने कर दी थी। एक बार बुढ़िया के बेटे ने अपनी मां से कहा कि वो बहन के घर जाकर तिलक कराना चाहता है। बुढ़िया ने अपने बेटे को जाने की इजाजत दे दी। बुढ़िया का बेटा जंगल से गुजरा था। यहां पर उसे एक नदी मिली। तब नदी ने कहा कि वो उसकी जान ले लेगी।

लड़के ने कहा कि पहले वो अपनी बहन से तिलक करना चाहता हैय़ उसके बाद मेरे प्राण लेना। यह कहकर वो आगे बढ़ा और उसे एक शेर मिला। बुढ़िया के बेटे ने शेर से भी यही कहा। इसके बाद उसे एक सांप मिला और उसने सांप से भी यही कहा।

फिर वह अपनी बहन के घर पहुंचा। उसकी बहन सूत काट रही थी। जब वह अपनी बहन से तिलक करा रहा था तब उसका मन बहुत दुखी था। जब उसकी बहन ने दुख का कारण पूछा तो उसने अपनी बहन को सब बता दिया। उसकी बहन ने कहा कि वो आज यहीं रुक जाए। अपने भाई को रुकने के लिए कहकर वो खुद के एक तालाब के पास गई। वहीं उसे एक बुढ़िया मिली।

उसने बुढ़िया को सब बताया और समाधान पूछा। इस पर बुढ़िया ने कहा तेरे भाई के साथ जो हो रहा है वो तेरे पिछले जन्मों का कर्म है। ऐसे में अगर तू उसे बचाना चाहती है तो उसकी शादी होने तक उसकी सहायता कर। उसकी तरफ जो भी संकट आए उसे टाल दे। इसके बाद बहन घर आ गई। फिर घर आकर उसने अपने भाई से कहा कि वो उसे छोड़ने के लिए घर चलेगी। दोनों आगे बढ़ते गए। रास्ते में जो-जो उसके भाई को मारने आता है वह उनसे निपटती है। पहले शेर मिलता है तो बहन शेर के आगे मांस डाल देती है। फिर सांप मिलता है तो बहन उसे दूध दे देती है। आखिरी में नदी मिलती है जिस पर वह लड़की ओढ़नी डालकर नमन करती है। इस तरह से वो अपने भाई की हर संकट से रक्षा करती है।