Holika Dahan 2023: होलिका दहन पर राहु ग्रह दिखाएगा अपना तेवर, इन उपायों से दुष्प्रभावों को करें कम
Holika Dahan 2023 होलाष्टक के दौरान नवग्रहों का स्वभाव काफी शुभ होता है। इस साल 9 दिनों तक चलने वाले होलाष्टक में हर एक दिन कोई न कोई ग्रह उग्र होगा। वहीं राहु होलिका दहन के दिन अपना तेवर दिखा सकता है। जानिए राहु शांति के उपाय
By Shivani SinghEdited By: Shivani SinghUpdated: Wed, 01 Mar 2023 12:37 PM (IST)
नई दिल्ली, Holiaka Dahan 2023 Rahu Upay: हिंदू कैलेंडर के अनुसार, फाल्गुन मास की पूर्णिमा तिथि को होलिका दहन का पर्व मनाया जाता है और उसके अगले दिन रंगों वाली होली खेली जाती है। पंचांग के अनुसार इस साल होलिका दहन 7 मार्च और रंगों वाली होली 8 मार्च 2023 को खेली जाएगी। इसके साथ ही होलिका दहन के आठ दिन पहले से होलाष्टक शुरू हो जाते हैं। इस साल की बात करें, तो 27 फरवरी से होलाष्टक शुरू हो चुके हैं। होलाष्टक के दौरान किसी भी शुभ या मांगलिक कामों को करने की मनाही होती है। क्योंकि सभी नवग्रह उग्र अवस्था में होते हैं।
इस साल होलाष्टक पूरे नौ दिनों के पड़ रहे हैं। इसलिए हर एक दिन कोई न कोई ग्रह उग्र रहता है। होलिका दहन के दिन की बात करें, तो इस दिन राहु ग्रह उग्र रहेगा। इस ग्रह के उग्र होने से व्यक्ति को कई समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। जानिए उग्र राहु ग्रह को कैसे करें शांत।
राहु क्या डालता है प्रभाव?
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, राहु के उग्र होने से व्यक्ति की विचार, कर्म आदि पर बुरा असर पड़ता है। राहु के दुष्प्रभाव के कारण व्यक्ति बुरी संगत में फंस जाता है जिसके कारण चोरी, डकैती आदि करने लगता है। इसके साथ दी मांस-मदिरा, जुआ आदि खेलने लगता है। इसके अलावा शारीरिक, मानसिक और आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ता है।उग्र राहु ग्रह को शांत करने के उपाय
करें इस मंत्र का जापहोलिका दहन सहित अन्य दिन सुबह स्नान आदि करने के बाद राहु के मंत्र का 108 बार जाप करें। मंत्र- ऊँ रां राहवे नम:
काले तिल से करें शिवजी का अभिषेकउग्र राहु को शांत करने के लिए भगवान शिव की पूजा करना लाभकारी सिद्ध होगा। इसलिए शनिवार, सोमवार या फिर होलिका दहन के दिन जल में थोड़े से काले तिल डालकर शिवलिंग पर अभिषेक करें।
इन चीजों को करें जल में प्रवाहितएक सूप में नीला वस्त्र, काले तिल, कंबल, सूप, तेल से भरा ताम्रपत्र, लोहा, सप्त अनाज, अभ्रक, गोमेद, खड्ग आदि रख दें। इसके बाद एक कपड़े से बांधकर जल में प्रवाहित कर दें। ऐसा करने से शुभ फलों की प्राप्ति होगी और राहु की प्रकोप कम होगा।डिसक्लेमर- इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।