Chanakya Niti: बनना चाहते हैं जीवन में सफल इंसान, तो आचार्य चाणक्य की इन 4 बातों पर जरूर दें ध्यान
Chanakya Niti आचार्य चाणक्य की मानें तो दान करने वाला व्यक्ति जीवन में हमेशा सुखी रहता है। धर्म शास्त्रों में भी दान करने की सलाह दी गई है। इस कार्य को करने से दरिद्रता भी दूर होती है। अतः व्यक्ति को अपनी आर्थिक स्थिति के अनुरूप दान करना चाहिए। धर्म पंडित भी कहते हैं कि दान करने से धन नहीं घटता है।
By Pravin KumarEdited By: Pravin KumarUpdated: Sun, 10 Sep 2023 08:34 PM (IST)
नई दिल्ली, अध्यात्म डेस्क । Chanakya Niti: आचार्य चाणक्य अपनी रचना नीति शास्त्र के लिए दुनिया भर में प्रसिद्ध हैं। उन्होंने अर्थशास्त्र समेत कई प्रमुख रचनाएं की हैं। उपलब्ध साक्ष्य के आधार पर उनका जन्म 376 ईसा पूर्व में हुआ था। इतिहासकारों की मानें तो आचार्य चाणक्य कुशल राजनीतिज्ञ, कूटनीतिज्ञ और महान पंडित थे। उन्होंने कुशल राजनीति कर चन्द्रगुप्त मौर्य के साम्राज्य स्थापना और विस्तार में अहम भूमिका निभाई थी। आज भी उनके विचार प्रासंगिक हैं। कोई भी व्यक्ति नीति शास्त्र का पालन कर अपने जीवन में सफल हो सकता है। अगर आप भी अपने जीवन में सफल इंसान बनना चाहते हैं, तो इन 4 बातों का जरूर अनुसरण करें। आइए जानते हैं-
दान
आचार्य चाणक्य की मानें तो दान करने वाला व्यक्ति जीवन में हमेशा सुखी रहता है। धर्म शास्त्रों में भी दान करने की सलाह दी गई है। इससे दरिद्रता भी दूर होती है। अतः व्यक्ति को अपनी आर्थिक स्थिति के अनुरूप दान करना चाहिए। धर्म पंडित भी कहते हैं कि दान करने से धन नहीं घटता है।
आचरण
नीति शास्त्र के रचनाकार आचार्य चाणक्य का कहना है कि व्यक्ति के जीवन में व्याप्त सभी कष्ट और संकट महज सही आचरण से दूर हो जाते हैं। व्यक्ति अच्छे आचरण से अपना उत्थान कर सकता है। इससे व्यक्ति को करियर और कारोबार में भी अन्य लोगों की मदद मिलती है। इससे व्यक्ति के जीवन में व्याप्त सभी दुख और संताप दूर हो जाते हैं।ये भी पढ़े- Ganesh Chaturthi 2023: गणेश जी की प्रतिमा घर लाने से पहले जान लें ये अहम नियम, प्राप्त होगा बप्पा का आशीर्वाद
अध्ययन
इंटरनेट के जमाने में लोग किताब पढ़ना भूल रहे हैं। हालांकि, आचार्य चाणक्य कहते हैं कि अध्ययन करने से बुद्धि बढ़ती है। इससे व्यक्ति अपने जीवन में सही फैसले लेने में सफल होता है। इसके लिए रोजाना अध्ययन करें।भक्ति
व्यक्ति का प्रारब्ध पहले से लिखा होता है। हालांकि, ईश्वर की भक्ति कर व्यक्ति अपने भाग्य में बदलाव कर सकता है। इससे व्यक्ति की तार्किक शक्ति यानी सोचने की क्षमता बढ़ती है। साथ ही ईश्वर की कृपा व्यक्ति पर बरसती है।डिसक्लेमर: 'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'