Geeta Updesh: जीवन में बनना चाहते हैं सफल इंसान, तो भगवान श्रीकृष्ण की ये बातें जरूर रखें याद
Geeta Updesh भगवान श्रीकृष्ण कहते हैं कि विषम परिस्थिति का सामना करने के लिए रणनीति जरूरी है। बिना रणनीति के युद्ध में जीत नहीं मिलती है। अतः किसी भी कार्य को करने के लिए रणनीति जरूर तैयार करें।
By Pravin KumarEdited By: Pravin KumarUpdated: Sat, 10 Jun 2023 06:22 PM (IST)
नई दिल्ली, अध्यात्म डेस्क। Geeta Updesh: हर कोई अपने जीवन में सफल इंसान बनना चाहता है। इसके लिए लोग कठिन परिश्रम भी करते हैं। इस दौरान विषम परिस्थिति पैदा होने पर व्यक्ति मार्ग बदल लेते हैं। इसके चलते बहुत से लोगों को सफलता नहीं प्राप्त होती है। जानकारों की मानें तो प्रतिकूल परिस्थिति पैदा होने पर घबराना नहीं चाहिए, बल्कि परम पिता परमेश्वर को याद कर जीवन में आगे बढ़ना चाहिए। सनातन शास्त्र 'गीता' में भगवान श्रीकृष्ण कहते हैं कि व्यक्ति को कर्मों के अनुरूप ही फल प्राप्त होता है। अतः सफलता पाने के लिए सतत प्रयास जरूरी है। भगवान श्रीकृष्ण द्वापर युग के समकालीन थे। वे दार्शनिक और निष्काम कर्मयोगी थे। अगर आप भी अपने जीवन में सफल इंसान बनना चाहते हैं, तो श्रीकृष्ण की ये बातें जरूर याद रखें। आइए जानते हैं-
सफलता के सूत्र
- भगवान श्रीकृष्ण कहते हैं कि विषम परिस्थिति का सामना करने के लिए रणनीति जरूरी है। बिना रणनीति के युद्ध में जीत नहीं मिलती है। अत: किसी भी कार्य को करने के लिए रणनीति जरूर तैयार करें। अगर जीवन में विषम परिस्थिति पैदा होती है, तो रणनीति बनाकर सामना करें। सफलता अवश्य प्राप्त होगी।- भगवान कहते हैं कि व्यक्ति व्यर्थ ही भविष्य की चिंता करता है। भविष्य तो व्यक्ति द्वारा वर्तमान समय में किए गए कर्मों के आधार पर तय होता है। अतः वर्तमान में अच्छा कर्म करें। अगर आप वर्तमान में बेहतर करते हैं, तो भविष्य अवश्य स्वर्णिम रहेगा।
- एक व्यक्ति अपने जीवन में तभी सफल हो पाता है। जब वह दूरदर्शी होता है। अतः व्यक्ति की सोच दूरदर्शी होनी चाहिए। ऐसे लोगों अपने जीवन में एक दिन जरूर सफल होते हैं।- भगवान श्रीकृष्ण कहते हैं कि कार्य के प्रति समर्पण अनिवार्य है। व्यक्ति तभी अपने जीवन में सफल होता है। जब वह समर्पित भाव से अपने लक्ष्य की ओर अग्रसर रहता है। अतः व्यक्ति को जीवन में हमेशा कर्मशील रहना चाहिए।
- भगवान श्रीकृष्ण अपने शिष्य अर्जुन से कहते हैं- हे पार्थ! युद्ध में जय और पराजय की चिंता के बिना युद्ध करो। यही तुम्हारा धर्म और कर्म है। व्यक्ति को जीवन में हार और जीत की परवाह किए बिना आगे बढ़ते रहना चाहिए। अगर हार मिल भी जाए, तो घबराना नहीं चाहिए, बल्कि पुनः जीत के लिए प्रयास करना चाहिए। तब जाकर विजय अवश्य प्राप्त होती है।डिसक्लेमर: 'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'