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Ganesh Mantra: पैसे की तंगी से पाना चाहते हैं छुटकारा, तो बुधवार के दिन करें इन मंत्रों का जाप

Ganesh Mantra धर्मिक मान्यता है कि रिद्धि सिद्धि के दाता भगवान गणेश की पूजा करने से व्यक्ति के जीवन में व्याप्त सभी प्रकार के दुख और संकट दूर हो जाते हैं। साथ ही घर में सुख समृद्धि और शांति आती है।

By Pravin KumarEdited By: Pravin KumarPublished: Wed, 14 Jun 2023 09:00 AM (IST)Updated: Wed, 14 Jun 2023 09:35 AM (IST)
Ganesh Mantra: पैसे की तंगी से पाना चाहते हैं छुटकारा, तो बुधवार के दिन करें इन मंत्रों का जाप

नई दिल्ली, अध्यात्म डेस्क। Ganesh Mantra: सनातन धर्म में बुधवार का दिन भगवान गणेश को समर्पित होता है। इस दिन देवों के देव महादेव के पुत्र भगवान गणेश की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है। साथ ही बुध देव की भी आराधना की जाती है। धर्मिक मान्यता है कि रिद्धि सिद्धि के दाता भगवान गणेश की पूजा करने से घर में सुख, समृद्धि और शांति आती है। साथ ही आय और भाग्य में वृद्धि होती है। अतः बुधवार के दिन श्रद्धा भाव से भक्तगण भगवान गणेश की पूजा-उपासना करते हैं। इस दिन साधक इच्छा पूर्ति (मनोकामना) हेतु व्रत भी करते हैं। अगर आप भी भगवान गणेश का आशीर्वाद पाना चाहते हैं, तो आज पूजा के समय इन मंत्रों का जाप अवश्य करें। इन मंत्रों के जाप से कर्ज समेत सभी प्रकार के दुख और संकट दूर हो जाते हैं। आइए जानते हैं-

1. सिद्धि प्राप्ति मंत्र

श्री वक्रतुण्ड महाकाय सूर्य कोटी समप्रभा

निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्व-कार्येशु सर्वदा ॥

2. गायत्री गणेश मंत्र

ॐ एकदंताय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात् ॥

ॐ महाकर्णाय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात् ॥

ॐ गजाननाय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात् ॥

3. संकट नाशक मंत्र

गणपतिर्विघ्नराजो लम्बतुण्डो गजाननः ।

द्वैमातुरश्च हेरम्ब एकदन्तो गणाधिपः ॥

विनायकश्चारुकर्णः पशुपालो भवात्मजः ।

द्वादशैतानि नामानि प्रातरुत्थाय यः पठेत्‌ ॥

विश्वं तस्य भवेद्वश्यं न च विघ्नं भवेत्‌ क्वचित्‌ ।

4. अष्टविनायक मंत्र

स्वस्ति श्रीगणनायकं गजमुखं मोरेश्वरं सिद्धिदम् ॥१॥

5. कर्ज मुक्ति मंत्र

ॐ गणेश ऋणं छिन्धि वरेण्यं हुं नमः फट्॥

6. तांत्रिक गणेश मंत्र

ॐ ग्लौम गौरी पुत्र, वक्रतुंड, गणपति गुरू गणेश।

ग्लौम गणपति, ऋद्धि पति, सिद्धि पति। करों दूर क्लेश।।

7. लक्ष्मी गणेश ध्यान मंत्र

दन्ताभये चक्रवरौ दधानं, कराग्रगं स्वर्णघटं त्रिनेत्रम्।

धृताब्जयालिङ्गितमाब्धि पुत्र्या-लक्ष्मी गणेशं कनकाभमीडे॥

8. सिद्धि मंत्र

ॐ गं गणपतये सर्व कार्य सिद्धि कुरु कुरु स्वाहा ॥

9. श्री गणेश स्तुति

वन्दे गजेन्द्रवदनं वामाङ्कारूढवल्लभाश्लिष्टम् ।

कुङ्कुमरागशोणं कुवलयिनीजारकोरकापीडम् ॥ १॥

विघ्नान्धकारमित्रं शङ्करपुत्रं सरोजदलनेत्रम् ।

सिन्दूरारुणगात्रं सिन्धुरवक्त्रं नमाम्यहोरात्रम् ॥ २॥

गलद्दानगण्डं मिलद्भृङ्गषण्डं,

चलच्चारुशुण्डं जगत्त्राणशौण्डम् ।

लसद्दन्तकाण्डं विपद्भङ्गचण्डं,

शिवप्रेमपिण्डं भजे वक्रतुण्डम् ॥ ३॥

गणेश्वरमुपास्महे गजमुखं कृपासागरं,

सुरासुरनमस्कृतं सुरवरं कुमाराग्रजम् ।

सुपाशसृणिमोदकस्फुटितदन्तहस्तोज्ज्वलं,

शिवोद्भवमभीष्टदं श्रितततेस्सुसिद्धिप्रदम् ॥ ४॥

विघ्नध्वान्तनिवारणैकतरणिर्विघ्नाटवीहव्यवाट्,

विघ्नव्यालकुलप्रमत्तगरुडो विघ्नेभपञ्चाननः ।

विघ्नोत्तुङ्गगिरिप्रभेदनपविर्विघ्नाब्धिकुंभोद्भवः,

विघ्नाघौघघनप्रचण्डपवनो विघ्नेश्वरः पातु नः ॥ ५॥

10. बीज मंत्र

ऊँ गं गणपतये नमो नमः ।”

डिसक्लेमर: 'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'


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