Indira Ekadashi 2023: इंदिरा एकादशी पर करें इन चीजों का दान, श्री हरि के साथ मिलेगी पितरों की कृपा
Indira Ekadashi सनातन धर्म में इंदिरा एकादशी का विशेष महत्व है। इस दिन भगवान विष्णु और धन की देवी मां लक्ष्मी की विशेष पूजा की जाती है। साथ ही भगवान विष्णु के निमित्त व्रत उपवास रखा जाता है। इंदिरा एकादशी को श्राद्ध एकादशी भी कहा जाता है। इंदिरा एकादशी व्रत आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को रखा जाता है।
By Jagran NewsEdited By: Pravin KumarUpdated: Mon, 09 Oct 2023 04:14 PM (IST)
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Indira Ekadashi 2023: सनातन धर्म में इंदिरा एकादशी का विशेष महत्व है। इस दिन भगवान विष्णु की विशेष पूजा की जाती है। साथ ही भगवान विष्णु के निमित्त व्रत उपवास रखा जाता है। इंदिरा एकादशी को श्राद्ध एकादशी भी कहा जाता है। इंदिरा एकादशी व्रत आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को रखा जाता है। इस साल इंदिरा एकादशी 10 अक्टूबर 2023 को पड़ रही है।
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महत्व
यह व्रत श्राद्ध पक्ष के दौरान पड़ता है। इस दिन भगवान विष्णु के साथ पूर्वजों की पूजा का विधान है। ऐसा माना जाता है कि जो लोग इस दिन व्रत रखते हैं, भगवान विष्णु उनके पूर्वजों के सभी पापों को नष्ट कर देते हैं। साथ ही उन्हें मोक्ष प्रदान करते हैं। इसलिए यह उपवास पितरों के लिए सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है।किन चीजों का दान करें
इंदिरा एकादशी व्रत के दौरान घी, दूध, दही और अन्न का दान करना बेहद शुभ माना गया है। साथ ही इस दिन जरुरतमंदों को खाना खिलाएं। मान्यताओं के अनुसार, ऐसा करने से भगवान विष्ण के साथ पितरों की कृपा प्राप्त होती है। इन चीजों के दान से पितृ प्रसन्न होते हैं। इंदिरा एकादशी पर इन मंत्रों का करें जापॐ नमो नारायण। श्री मन नारायण नारायण हरि हरि।श्रीकृष्ण गोविन्द हरे मुरारे। हे नाथ नारायण वासुदेवाय।।
ॐ नारायणाय विद्महे। वासुदेवाय धीमहि। तन्नो विष्णु प्रचोदयात्।।ॐ नमो नारायण। श्री मन नारायण नारायण हरि हरि।ॐ ह्रीं कार्तविर्यार्जुनो नाम राजा बाहु सहस्त्रवान। यस्य स्मरेण मात्रेण ह्रतं नष्टं च लभ्यते।।Author- Vaishnavi Dwivediडिसक्लेमर: इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।